महुआ मोइत्रा ने ‘मन की बात’ का उड़ाया मजाक, कहा- कभी नहीं सुनी Monkey Baat

चंडीगढ़ पीजीआई में कुछ छात्राओं ने ‘मन की बात’ का 100वां एपिसोड नहीं सुना था
पब्लिक न्यूज़ डेस्क। चंडीगढ़ पीजीआई में कुछ छात्राओं ने ‘मन की बात’ का 100वां एपिसोड नहीं सुना था। PGI प्रशासन ने उन लड़कियों को कार्रवाई करते हुए एक हफ्ते तक हॉस्टल और कैंपस के बाहर जाने पर रोक लगा दी थी। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मामले में पर एक ट्वीट किया है। उन्होंने मन की बात को Monkey Baat करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जैसे नर्सिंग की छात्राओं को सजा दी गई क्या मुझे भी सजा दी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात का 100वां एपिसोड 30 अप्रैल को टेलीकास्ट हुआ था। बीजेपी नेताओं ने इसके लिए जगह-जगह रेडियों लगाए थे। पूरे देश में लोगों को इकट्ठा कर इस एपिसोड को सुनाया गया था। चंडीगढ़ पीजीआई भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया था मगर 36 लड़कियों ने इसे नहीं सुना। प्रशासन ने लड़कियों को सजा के रूप में हॉस्टल और PGI कैंपस से सात दिन तक बाहर नहीं निकलने का फरमान सुनाया था। सोशल मीडिया पर पीजीआई के इस फरमान का विरोध भी हुआ था। अब टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी पर तंज कसा है।
महुआ मोइत्रा का हमला
टीएमसी सांसद ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि उन्होंने भी मन की बात कार्यक्रम नहीं सुना। तो क्या इसके लिए उनको भी सजा भुगतनी होगी। उनको भी घर में कैद रहने को कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि मैंने Monkey baat कभी नहीं सुनी। एक बार भी नहीं। क्या मुझे भी सजा मिलने वाली है। मैं इस घटना से बहुत टेंशन में हूं।
विवादों में घिरा था PGIMIR
दरअसल, 30 अप्रैल को 36 नर्सिंग स्टूडेंट्स ने पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया। जब की कई 100वें एपिसोड के कई दिन पहले ही एक लिखित आदेश जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि सभी को ये सुनना अनिवार्य है। हर तरफ इस फरमान की जब चर्चा होने लगी तो एक दिन पहले PGIMIR ने अपने आदेश का बचाव किया। उन्होंने कहा कि कुछ नया नहीं था और न ही खास था. ऐसा हमारे सिलेबस का हिस्सा है। हम लोग स्पेशल लेक्चर के लिए अतिथियों, विशेषज्ञों को आमंत्रित करते हैं। पीएम मोदी का 100वां एपिसोड भी उसी क्रम का हिस्सा है।