बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं, जिसके कारण लालू यादव का माय समीकरण भी डगमगाने लगा जानिए

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बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं, जिसके कारण लालू यादव का माय समीकरण भी डगमगाने लगा जानिए

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं, जिसके कारण लालू यादव का माय समीकरण भी डगमगाने लगा जानिए 

बड़े ही दम खम के साथ चुनावी मैदान में उतरे पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी आरजेडी को अपनों की नाराजगी का ही डर सता रहा है पार्टी के


पब्लिक न्यूज़ डेस्क- बड़े ही दम खम के साथ चुनावी मैदान में उतरे पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी आरजेडी को अपनों की नाराजगी का ही डर सता रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम ने जहां नाराजगी के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया, वहीं नवादा में पार्टी के दो विधायक निर्दलीय उम्मीदवार को जिताने में लगे हैं। पार्टी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे देवेंद्र प्रसाद यादव ने भी विरोध जताते हुए पूर्णिया में पप्पू यादव का साथ देना शुरू कर दिया है।

आरजेडी के सीनियर लीडर और पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद को भेजे पत्र में पूर्व राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीम ने लालू यादव पर मुसलमानों की हकमारी करने का आरोप लगाया है। पूर्व सांसद अहमद अशफाक करीम का साफ तौर पर कहना है कि अल्पसंख्यकों को सम्मानजनक हिस्सेदारी नहीं दी जा रही है।पूर्व सांसद अहमद अशफाक करीम ने अपने त्यागपत्र में लिखा कि, मैं आपकी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं। मैंने सामाजिक न्याय को ताकत देने के लिए आपकी ज्वॉइन की थी। आपने जातीगत आधार पर जनगणना कराने का वादा किया था। जिसकी जिनकी भारीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा भी दिया। लेकिन आपने मुसलमानों की हकमारी की है। उन्हें सम्मानजनक हिस्सेदारी भी नहीं मिली है। इस परिस्थिति में राजद के साथ राजनीति करना मेरे लिए संभव नहीं है। मेरे इस त्यागपत्र को स्वीकार करें। मैं आपके बेहतर स्वास्थ्य की कामना करता हूं। पूर्व राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीम पहले राज्यसभा और फिर कटिहार लोकसभा से राजद का टिकट नहीं मिलने से नाराज थे। जिसकी वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया। साथ ही चर्चा यह भी है कि पूर्व राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीम जेडीयू के करीब हैं और शायद जेडीयू में शामिल हो जाएं। अशफाक करीम की नाराजगी का असर न सिर्फ कटिहार में बल्कि सीमांचल के अन्य सीटों पूर्णिया और किशनगंज पर भी पड़ेगा। बता दें कि अशफाक करीम मेडिकल कॉलेज सहित कई शिक्षणिक संस्थानों का संचालन करते है।

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सीमांचल में जहां माय समीकरण को अशफाक करीम की नाराजगी से खतरा है, वहीं सिवान में पूर्व सांसद दिवंगत शहाबुद्दीन के परिवार की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। आरजेडी ने अपने 23 में से 22 सीटों पर उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है जबकि सिवान सीट को लेकर सस्पेंस कायम है। इस सीट को लेकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और सिवान के विधायक अवध बिहारी चौधरी कई बार बोल चुके हैं कि वो ही आरजेडी के उम्मीदवार होंगे। उन्होंने चुनावी सभा भी करनी शुरू कर दी है लेकिन पार्टी की तरफ से अभी तक उन्हें सिम्बल नहीं दिया गया। खबरों की मानें तो आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव सिवान में दिवंगत शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को नाराज नहीं करना चाहते है। जबकि तेजस्वी यादव का भरोसा अवध बिहारी चौधरी पर है। हालांकि हिना शहाब जो लगातार जन सभाए कर रही हैं वो आरजेडी के खिलाफ खुलकर बोल रहीं हैं। उनकी नाराजगी है की सता में होने के बाद भी जब उनके बेटे ओसामा के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई हुई तो लालू परिवार ने उनका साथ नहीं दिया। जब तेजस्वी यादव अपनी संकल्प यात्रा के दौरान सीवान गए तो भी न वो हिना शहाब से मिले और न उनके बेटे से। दूरियां साफ नजर आई, यही नहीं हिना शहाब के विरोधियों से भी लालू परिवार की नजदीकिया बढ़ने लगीं। लालू प्रसाद जानते है की हिना शहाब की नाराजगी का असर न सिर्फ सीवान बल्कि सारण और गोपालगंज में भी उठाना पड़ सकती है। नवादा लोकसभा सीट को लेकर भी आरजेडी के अंदर बड़ी नाराजगी है। आरजेडी ने नवादा से श्रवण कुशवाहा को अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे लालू परिवार के बेहद नजदीकी रहे जेल में बंद पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव का परिवार नाराज है। यहां से राजवल्लभ यादव के भाई विनोद यादव टिकट के दावेदार थे। उन्हें आश्वाशन भी मिला था लेकिन अंतिम समय में श्रवण कुशवाहा को टिकट दे दिया गया। विनोद अग्रवाल बागी बनकर मैदान में है। अब तेजस्वी यादव लगातार नवादा में सभाए कर रहे हैं लेकिन उनकी सभाओं से उनकी पार्टी के ही दो विधायक नदारद हैं। ये दोनों विधायक निर्दलीय विनोद यादव को जिताने में लगे हैं। आरजेडी विधायक विभा देवी और प्रकाश वीर बिनोद यादव के समर्थन में प्रचार कर रहे है। बिहार की सबसे हॉट सीट बनी पूर्णिया में लालू यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। टिकट के लिए पार्टी का कांग्रेस में विलय करने वाले पप्पू यादव को लालू तेजस्वी के दांव ने बेटिकट कर दिया और वहां से अपना उम्मीदवार उतार दिया। आरजेडी ने जेडीयू विधायक बीमा भारती को पार्टी में शामिल करा कर उन्हें पूर्णिया से उम्मीदवार बना दिया। पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन अब पप्पू यादव के समर्थन में आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव उतर गए हैं। देवेंद्र प्रसाद यादव झंझारपुर से टिकट नहीं मिलने के बाद बागी हो गए हैं। पहले तो देवेंद्र ने लालू प्रसाद को पत्र लिखकर कई आरोप लगाए, वहीं अब पप्पू यादव को समर्थन देने पूर्णिया पहुंच गए।