वारदात के तीन दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली..चुनावी ड्यूटी बना बहाना

 

मेरठ। कस्बा फलावदा में दो परिवारों को बंधक बनाकर डकैती मामले के आरोपित बदमाशों का तीन दिन बाद भी सुराग नहीं लग सका, जबकि पुलिस चु़नावी ड्युटी में लगी होने की बात कह पीड़ितों को टरका रही है। मंगलवार भी पीड़ित थाने गए, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

फलावदा कस्बे में शनिवार देररात आधा दर्जन से अधिक बदमाशों ने मोहल्ला मकबरा में फैजान के मकान पर धावा बोलकर फैजान व उनके मकान में किराए पर रह रहे राशिद के परिवार को तमंचे के बल पर बंधक बनाकर डकैती डाली थी। बदमाशों ने फैजान के यहां से 10 हजार रुपये व सोने-चांदी के जेवर व राशिद की सेफ से 20 हजार रुपये व 15 जैकेट लूट ली थीं। यहां लूटपाट के बाद पास ही उस्मान के मकान के मकान में लूट का प्रयास किया था, लेकिन जाग होने के कारण बदमाश फरार हो गए थे। सूचना पर पुलिस ने भी मौका मुआयना किया था। इस संबंध में पीड़ितों ने थाने पर तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने मामले को चोरी में दर्ज किया था। इसके बावजूद बदमाशों का सुराग नहीं लगा। वहीं, मंगलवार को पीड़ित थाने पर एसओ वरुण शर्मा से मिले और जल्द बदमाशों की धरपकड़ कर सामान बरामदगी की मांग की। आरोप है कि पुलिस से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

अलग-अलग मामलों में दो आरोपित धर दबोचे : मवाना व बहसूमा पुलिस ने मंगलवार को अलग-अलग मामलों में दो आरोपित को गिरफ्तार जेल भेज दिया।

थाना प्रभारी विष्णु कौशिक ने बताया कि दारोगा उपेंद्र राणा मंगलवार को टीम के साथ मिल रोड पर संदिग्धों के खिलाफ चेकिग अभियान चलाए हुए थे। इस बीच एक युवक संदिग्ध अवस्था में घूमता हुआ मिला। पूछताछ में उसने अपना नाम नासरपुर निवासी रविद्र उर्फ भूरा पुत्र टेकचंद बताया। तलाशी में उससे तमंचा व एक कारतूस बरामद हुआ। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि बहसूमा पुलिस ने जानलेवा हमले के आरोपित काफी समय से वांछित चल रहे तजपुरा निवासी प्रदीप पुत्र रोहताश को गिरफ्तार कर मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एसओ रामौतार सिंह ने बताया कि आरोपित पर जानलेवा हमले करने के साथ तमंचा रखने का आरोप है।

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