महराजगंज जिले में हैं 28 ब्लैक स्पॉट, संभल कर गाड़ी चलाइए

 

पब्लिक न्यूज़ डेस्क। जिले में सड़क दुर्घटना में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिन भले ही गुजर जाए, लेकिन साल में कोई ऐसा पखवारा नहीं बीता जिसमें हादसे में किसी की जान नहीं गई हो। यातायात विभाग ने जिले में 28 ब्लैक चिह्नित किया है। इसमें सबसे अधिक 15 ब्लैक स्पॉट स्टेट हाइवे 730 पर है। वहीं गोरखपुर-सोनौली राजमार्ग संख्या 24 पर भी 12 ब्लैक स्पॉट हैं, जहां अधिक हादसे में होते हैं। यहां कई लोगों की मौत हो चुकी है।

गोरखपुर-सोनौली फोरलेन पर फरेंदा बाइपास पर एल आकार का मोड़ है। अक्सर इस मोड़ के चारों तरफ कई गाड़ियां खड़ी रहती हैं। कोल्हुई में भी कई भारी वाहन सड़क पर किनारे खड़े मिलते हैं। इससे पास लेते वक्त दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती हैं। सबसे खराब हालत नौतनवा व सोनौली की है। यहां नेपाल जाने वाले वाले वाहनों का लंबा रेला हर वक्त लगा रहता है। नौतनवा व सोनौली में इसके चलते कई जानलेवा हादसा हो चुका है। कई लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही क्षमता से अधिक सवारियां लेकर दौड़ने वाले वाहन भी खतरे का सबब बन रहे हैं। सोनौली से गोरखपुर, दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी आदि शहरों में जाने वाले प्राइवेट वाहनों की यही हालत है। निर्धारित क्षमता से अधिक यात्री लेकर प्राइवेट बस सोनौली के अलावा निचलौल-महराजगंज-गोरखपुर मार्ग व कप्तानगंज-घुघली-सिसवा-निचलौल मार्ग पर फर्राटा भर रहे हैं।--------------

महराजगंज-गोरखपुर मार्ग पर भी हो चुके हैं कई हादसे

महराजगंज-गोरखपुर मार्ग पर तरकुलवा तिवारी के पास सड़क पर ही वाहनों के खड़ा करने से कई घटनाएं हो चुकी हैं। हादसों के बाद कुछ दिनों तक पुलिस सक्रिय रहती है, लेकिन फिर वही पुरानी स्थिति बन जाती है।

जिले में ट्रैफिक पुलिस के पास नहीं है इंटरसेप्टर व क्रेन

सड़क हादसा रोकने के लिए इंटरसेप्टर व क्रेन बेहद उपयोगी संसाधन माने जाते हैं। क्रेन के सहारे सड़क के किनारे ट्रैफिक नियम का उल्लंघन कर खड़े वाहनों को टांग कर उसे सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया जाता है। इसके बाद पुलिस कार्रवाई भी करती है, लेकिन जिले की ट्रैफिक पुलिस के पास एक भी क्रेन नहीं है। इतना ही नहीं वाहनों के तेज रफ्तार का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इंटरसेप्टर उपकरण का उपयोग किया जाता है। इस यंत्र को सड़क के किनारे लगा दिया जाता है। जैसे ही कोई तेज रफ्तार गाड़ी इंटरसेप्टर के करीब से गुजरती है वैसे ही वह गाड़ी की सभी सूचनाएं एकत्र कर लेता है। पर, जिले की ट्रैफिक पुलिस के पास इंटरसेप्टर भी नहीं है।

जिले में इन स्थानों पर चिह्नित हैं ब्लैक स्पॉट

पुलिस विभाग व एआरटीओ कार्यालय ने जनपद में 28 ब्लैक स्पाट को चिह्नित किया है। इसमें भिटौली, सिंदुरिया, शिकारपुर, बैकुंठपुर, महुअवा ढाला, धनेवा धनेई, रमपुरवा, कस्बा घुघली, परतावल बाजार, सेमरा चद्रौली, छपिया, धानी बाजार, बाजार डीह, महदेवा, दक्षिणी बाईपास, कस्बा पुरंदरपुर, धानीढाला, कोल्हुई बाजार, एकसड़वा, कस्बा नौतनवा, छपवा,मुडि़ला, कस्बा सोनौली, नौडिहवा, ओड़वलिया, कस्बा कोठीभार,सबया, बंदी ढाला को ब्लैक स्पाट के रूप में चिह्नित किया गया है। इन जगहों पर दुर्घटना में एक साल में एक बार में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। पीडब्लूडी द्वारा इन जगहों पर बोर्ड, डायवर्जन बोर्ड लगवा दिया गया है।

पीडब्लूडी की जमीन पर चलाते हैं स्टैंड, कोई अवैध नहीं: एआरटीओ

महराजगंज में नगर पालिका व नगर पंचायतों द्वारा टैक्सी स्टैंड के लिए दिए जाने वाला अधिकांश ठेका अबूझ पहेली बना हुआ है। यह वैध और अवैध के बीच झूल रहा है। आम लोगों का कहना है कि नगर पालिका व नगर पंचायत के पास टैक्सी स्टैंड के लिए जमीन ही नहीं है। वह पीडब्लूडी के जमीन को दिखाकर स्टैंड की नीलामी करती है। इसके लिए पीडब्लूडी से एनओसी भी नहीं लिया जाता है। एआरटीओ आरसी भारती का कहना है कि जनपद में सीओ ट्रैफिक, ट्रैफिक इंचार्ज के साथ मिलकर पूरा सर्वे किया गया है। लेकिन कहीं भी टैक्सी स्टैंड के नाम पर अवैध वसूली नहीं हो रही है। सभी स्टैंड वैध हैं।

जिले में सड़क हादसों को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। जिले में कुल 28 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं। वहां बोर्ड लगाकर वाहन चालकों को सचेत किया जा रहा है। इसके अलावा जागरूकता अभियान भी जारी है। जिले में इंटरसेप्टर नहीं है। क्रेन के लिए डिमांड शासन को भेजा गया है।

जयप्रकाश सिंह-यातायात निरीक्षक

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