योगी सरकार आज पेश करेगी बजट, इतने लाख करोड़ रुपये का बजट पेश होने का अनुमान
 

यूपी विधानमंडल बजट सत्र का आज तीसरा और अंतिम दिन है
 

पब्लिक न्यूज़ डेस्क। यूपी विधानमंडल बजट सत्र का आज तीसरा और अंतिम दिन है। बजट सत्र के तीसरे दिन योगी सरकार सदन में बजट पेश करेगी। अनुमान के अनुसार पेश किया जाने वाला ये बजट 7 लाख करोड़ के आस पास होगा। विधानमंडल में विपक्ष फिर सरकार को घेरेगा। योगी सरकार कल अपना बजट पेश करेगी। बता दें, यूपी विधानमंडल बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी दलों ने जमकर नारेबाजी और सदन में भारी हंगामा किया था। वही दूसरे दिन अखिलेश यादव ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए सरकार से कई जवाब मांगे।

आज वर्ष यूपी सरकार 2023-24 का बजट पेश करेगी। बजट में 2024 चुनाव तैयारी की झलक देखने को मिलेगी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना 11 बजे बजट पेश करेंगे। बजट पेश होने के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। गौरतलब हैं कि पिछले साल बजट 6.48 लाख करोड़ रुपये का था। अनुमान लगाया जा रहा हैं कि बजट 7 लाख करोड़ रुपये के आसपास का होगा।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा है कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं ने दम तोड़ दिया है। भाजपा सरकार में अस्पतालों की दुर्दशा देखने का किसी को भी समय नहीं है। सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और जी-20 डेलीगेट्स के स्वागत में सजाए गए गमलों की चोरी का पता लगाने में ही व्यस्त हो गई है। एम्बूलेंस सेवा 108 और 102 अब समय से उपलब्ध नहीं होती हैं। अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है तो कहीं डॉक्टर अपनी ओपीडी छोड़कर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी अब पस्त हो चुके हैं उनके दौरे और आदेश भी अब थम गए हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तम स्वास्थ्य सेवा का दम्भ भरने वाले मुख्यमंत्री के राज में गाजियाबाद के संयुक्त अस्पताल में पांच दिन से डॉक्टर मोमबत्ती की रोशनी में मरीजों का इलाज कर रहे है। प्रशासकीय अमला हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा। इसे भाजपा का अंधेर राज न कहें तो क्या कहें? उन्होने कहा कि अयोध्या में जिला अस्पताल की इमरजेंसी में एक गंभीर मरीज को आक्सीजन का खाली सिलेण्डर लगा दिया गया। तीमारदारों की नाराजगी पर नर्स ने सिलेण्डर बदले तो दूसरा, तीसरा आक्सीजन मिलेण्डर भी खाली निकला। मरीजों की जान के साथ यह खिलवाड़ भाजपा सरकार में आम बात हो गई है।

अखिलेश यादव ने कहा कि खुद राजधानी में भी अस्पतालों के हालात अच्छे नहीं हैं। लखनऊ के लोहिया संस्थान और पीजीआई में इमरजेंसी सेवाएं मजाक बन गई है। घंटों मरीज तड़पते रहते है। भर्ती नहीं होती है। मरीज स्ट्रेचर पर या वहां बने टिनशेड में पड़े भाजपा के अमृतकाल में बस अमर हो जाने की प्रतीक्षा करते रहते हैं। लोहिया संस्थान की नई इमरजेंसी का ताला ही नहीं खोला जा रहा है।