7 साल की मासूम से 3 वर्ष पहले किया था रेप, मिली उम्रकैद की सजा 

वो मौसा था, उसकी सुरक्षा में सात साल की मासूम थी
 

पब्लिक न्यूज़ डेस्क। वो मौसा था, उसकी सुरक्षा में सात साल की मासूम थी, लेकिन उसने मौका देखा तो इतनी छोटी बच्ची को ही नोंच डाला। मामला उत्तर प्रदेश के जौनपुर में तीन साल पहले का है। अब कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसी के साथ आरोपी पर 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। मामले की सुनवाई शुक्रवार को जौनपुर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो कोर्ट) काशी प्रसाद सिंह की अदालत में हुई।

केस डायरी के मुताबिक जौनपुर के सिकरारा थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली पीड़ित के परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि 17 अक्टूबर को वह किसी कुछ सामान खरीदने के लिए पत्नी के साथ बाजार गए थे। उस समय उसके साढ़ू अजय घर पर था। तो उन्होंने घर में सो रही बेटी का ध्यान रखने को कहा और निकल गए। जब वह बाजार से वापस लौटे तो उनकी बेटी की हालत खराब थी।

तुरंत उसे अस्पताल ले गए, जहां पता चला कि इस मासूम के साथ रेप और अप्राकृतिक दुष्कर्म को अंजाम दिया गया है। इसके बाद पीड़ित पिता ने आरोपी के खिलाफ सिकरारा थाने में लिखित शिकायत दी थी। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल कराया और उसे मजिस्ट्रेट के सामने ले जाकर इकबालिया बयान कराया। मामले की जांच के बाद पुलिस ने पॉक्सो कोर्ट में चार्जशीट और केस डायरी फाइल की।

सरकारी वकील राजेश उपाध्याय और कमलेश राय ने बताया कि इस घटना से जुड़े सभी गवाहों का बयान कराया गया और सबूतों के आधार पर बहस हुई।इसमें आरोपी के खिलाफ आई शिकायत की पुष्टि हुई और आरोपी को अदालत ने दोषी करार दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी ने अदालत को गुमराह करने की कोशिश की। उसने तर्क दिया कि उसके वादी की पत्नी के साथ अवैध संबंध थे। इसलिए वादी ने उसे फंसाने के लिए झूठा केस दर्ज करा दिया।

हालांकि उसके तर्क अदालत में प्रमाणित नहीं हो सके और दोष प्रमाणित होने के बाद उसे सजा सुनाई गई है. अदालत ने आरोपी को दुष्कर्म के आरोप में उम्रकैद के साथ 20 हजार रुपये की सजा सुनाई है. वहीं दूसरी धारा अप्राकृतिक यौनाचार के संबंध में भी आरोपी के खिलाफ फिर से आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सदी है। साथ ही प्रावधान किया है कि आरोपी जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं करता है तो उसे दोनों मामले में छह छह महीने अतिरक्त सजा भुगतनी होगी।