देखें वीडियो : देश की खातिर जिन्होंने सब कुछ किया था कुर्बान , उन्हें आज भी नहीं मिला शहादत का सम्मान  

 

रघुवंश दुबे 
फर्रुखाबाद। देश आजादी के मुख्य केंद्रों में फर्रुखाबाद भी था। शहर कोतवाली क्षेत्र के साहबगंज चौराहा के रहने वाले पंडित रामनारायण आजाद जिन्होंने कोतवाली में बम फेंका था। वह हमेशा घोड़ी से पूरे क्षेत्र में भ्रमण किया करते थे। गरीब लोगों मदद के लिए जाने जाते थे। शहीद चंद्रशेखर आजाद उनके साथ कई घटनाओ को अंजाम दिया था। इन्ही के घर पर बम बनाने कार्य किया जाता था। लेकिन उनको सरकारी तंत्र ने शहीद का दर्जा नही दिया। जबकि 1947 में जब देश आजाद हुआ था उसके चार दिन पहले यानी 11 अगस्त को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पंडित रामनारायण आजाद के घर मे सात दरबाजे थे। पंडित जी को पकड़ने के लिए काकोरी कांड गद्दार क्रांतिकारी फेरु सिंह को फर्रुखाबाद का शहर कोतवाल बनाया गया था।

जब इन्होंने बम से हमला किया था उसी के आरोप में रामनारायण आजाद व उनके भाई नित्यानन्द को भी गिरफ्तार किया गया था। जिस समय वह गवाही देने कचहरी गया तो अन्य क्रांतिकारियों ने उसकी जूतों से पिटाई की थी। पंडित रामनारायण आजाद के पुत्र ने बताया कि शुरुआत में जब पुलिस लगातार पकड़ने के लिए घर पर दबिश दे रही थी तो वह कलकत्ता सुभाष चन्द्र बोस के पास चले गए थे। वही पर उन्होंने पानी के जहाज पर नौकरी भी करने लगे थे जिससे उनको कोई पहचान न सके। उनकी बहादुरी के किस्से आज भी लोग चर्चा करते है। 

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