आसमान छू रहे दाल-सब्जी के भाव, लोग परेशान

महंगाई की मार में सूनी पड़ी सब्जी की दुकान
 

संवाददाता विवेक मिश्रा 
चित्रकूट

महंगाई में लगाम नहीं लगने से जमाखोरों व मुनाफाखोरों के हौसले बुलंद हैं। अरहर की दाल आम जनमानस व गरीबो की थाली से गायब होती जा रही है। बाजार में सब्जियों के मूल्य आसमान छू रहे हैं। जिससे मजदूर, गरीब, असहाय लोग सब्जी और दाल देखने को तरस रहे हैं। दलहन में अरहर दाल का भाव 180 रुपए प्रति किग्रा है। मूँग, उड़द एवं चना की दालों का मूल्य अधिक हो जाने से मजदूर व गरीब तबके के लोग बाजार से न खरीद पाने के चलते उनकी थाली से दाल गायब होती जा रही है। दूसरी तरफ बाजार में सब्जियों के दामों में बढ़ोत्तरी हो जाने से गरीब परिवार के लोग सब्जी खाने के लिए तरस रहे हैं। बाजार में प्रतिदिन टमाटर के भाव बढ़ते जा रहे हैं। सोमवार को 80 रुपए किलो तक टमाटर बिका। भिण्डी, नेनुआ, लौकी आदि सब्जियाँ भी महँगी बिक रही हैं। प्याज, आलू के भाव भी आसमान छू रहे हैं।

राजापुर के किसान रामनरेश द्विवेदी, रगौली गाँव के हर प्रकाश मिश्रा, खटवारा के मनोज द्विवेदी, सतीश मिश्रा आदि का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार मोटे अनाजों के उत्पादन में काफी जोर दे रही है, लेकिन अपने जनपद में अन्ना गौवंशों के कारण खरीफ की फसलें किसान नहीं बो पाता है। जिससे मोटे अनाजों का उत्पादन क्षेत्र से गायब हो रहा है। जब तक अन्ना गौवंशों पर नियन्त्रण व गौशालाओं में संरक्षित गौवंशों के भरण पोषण की समुचित व्यवस्था नहीं करेगी तब तक अरहर, ज्वार, बाजरा, मूँग, उड़द आदि मोटे अनाजों की पैदावार होना असम्भव है। उन्होंने कहा कि बाजार में बड़े व्यापारियों के द्वारा जमाखोरी, मुनाफाखोरी के चक्कर में दाल, सब्जी के भाव बढ़ रहे हैं।