बाल कलाकारों की प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध
संवाददाता विवेक मिश्रा
चित्रकूट
आनन्देश्वर संगीत अकादमी के वार्षिकोत्सव समारोह में बाल कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियां दीं। जिन्हें सुनकर श्रोतागण तालिया बजाने को मजबूर हो गए।
जिला मुख्यालय में सोमवार की शाम आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के संगीत विभागाध्यक्ष डॉ विवेक फडनीस ने किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव के चलते नई पीढी के युवा भारतीय संस्कृति को भूल रहे हैं। ऐसे आयोजन पूरी तरह से भारतीय संस्कृति को संरक्षण और संवर्धन प्रदान करने वाले हैं। संगीत की पवित्रता बनाए रखते हुए यहां बच्चों को एक मंच दिया गया है। जिसमें प्रदर्शन के जरिए प्रतिभागी प्रदेश और देश स्तर पर भी अपने परिवार और जिले का नाम रोशन कर सकते हैं।
कार्यक्रम में आयुष्मान याज्ञिक ने आरम्भ है प्रचंड, वैष्नवी सिंह ने छूकर मेरे मन को, राघव पाण्डेय ने नीले नीले अम्बर पर, रितिक सिंह और रूद्र कसौंधन ने यह तो सच है कि भगवान है, मुस्कान त्रिपाठी और जान्हवी सिंह ने जिंदगी प्यार का गीत है, सौय प्रताप सिंह ने एक दिन बीत जाएगा माटी के मोल, सुभेक्षा श्रीवास्तव और अपराजिता सिंह ने कोई कैसे समझाए उन्हें, काव्या निगम और श्रेया अग्रवाल ने एक प्यार का नगमा है, यशिका और यर्थाथ गुप्ता ने तू कितनी अच्छी है, निय श्रीवास्तव ने अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम, आरूष तिवारी ने हमारे साथ श्री रघुनाथ, इशांत सिंह ने तुम अगर साथ देने का वादा करों, ऋषभ देव त्रिपाठी ने इतनी शक्ति हमे देना दाता, जय सिंह ने वीर हनुमाना अति बलवाना, सूरज द्विवेदी ने जिंदगी एक सफर है सुहाना, पार्थ चतुर्वेदी ने किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार और देवांग अग्रवाल ने मेरा जूता है जापानी गीत प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्यकान्तधर दुबे ने प्रतिभागी बाल कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। संचालन गणेश मिश्र ने किया। आयोजक विनय पांडेय ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस मौके पर कथा वाचक आचार्य महेन्द्र शास्त्री, स्वाती अग्रवाल, लवलेश गुप्ता, उपेन्द्र तिवारी, रवि श्रीवास्तव, सिद्धार्थ गुप्ता, डॉ रमाकान्त गुप्ता, अंकिता अग्रवाल, गीता जायसवाल, यामेन्द्र पाण्डेय, नवल किशोर पाण्डेय, नवनीत निगम, डॉ विभांशु गुप्ता आदि मौजूद रहे।