मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आराकू कॉफी का जिक्र किया, PM Modi की ‘मन की बात’ पर भड़का विपक्ष जानिए
पब्लिक न्यूज़ डेस्क- देश में चुनावी मौसम खत्म हुए लगभग एक महीना होने जा रहा है। मगर पक्ष और विपक्ष की बयानबाजी अभी भी जारी है। इस बार कॉफी को लेकर सियासी खेमो में हलचल मच गई है। आंध्र प्रदेश की मशहूर अराकू कॉफी सत्ता के गलियारों में खूब चर्चा बटोर रही है। तो आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 111वें एपिसोड में अराकू कॉफी का जिक्र किया। लोकसभा चुनाव 2024 में जीत हासिल करने के बाद ये पीएम मोदी का पहला रेडियो प्रोग्राम था, जिसपर सभी की नजरें टिकी थी। ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने लोकल फॉर वोकल पर जोर देते हुए अराकू कॉफी का नाम लिया। इस पर विपक्ष बुरी तरह से भड़क गया। विपक्ष पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार से विपक्ष को गहरा सदमा लगा है।
मन की बात’ में पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के साथ अराकू कॉफी पीने का मौका मिला था। इस कॉफी को सितंबर 2023 में होने वाले जी20 सम्मेलन में भी काफी लोकप्रियता मिली थी। विदेश से आए मेहमानों को ये कॉफी बेहद पसंद आई।पीएम मोदी ने बताया कि भारतीय चीजों की मांग अब वैश्विक स्तर पर भी तेजी से बढ़ रही है। ऐसी ही एक चीज अराकू कॉफी भी है। ये अपने शानदार स्वाद और खुशबू के लिए मशहूर है। आंध्र प्रदेश की अल्लूरी सीताराम राजू जिले में अराकू कॉफी की बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। करीब 1.5 लाख आदिवासी परिवारों की इससे रोजी-रोटी चलती है। गिरीजन कॉपरेटिव भी इसमें अहम भूमिका निभाता है। इसकी मदद से कई स्थानीय किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है।पीएम मोदी के इस बयान पर रिएक्शन देते हुए कांग्रेस नेता बोल पड़े कि पीएम तथ्यों को काफी बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत करते हैं। एक्स प्लेटफॉर्म पर ट्विट करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे अराकू कॉफी का आविष्कार पीएम मोदी ने ही किया है। नंदी फाउंडेशन ने आंध्र प्रदेश की अराकू वैली में कॉफी की खेती की पहल की थी। 21 दिसंबर 2007 में राज्य के कॉमर्स मिनिस्टर के रूप में मैंने अराकू ब्रांड को लॉन्च किया था। केंद्र सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री बनने के बाद भी मैंने इस ब्रांड को सपोर्ट किया। जयराम रमेश पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट कर डाला। उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अराकू कॉफी और गिरिजन कॉपरेटिव की भी बात की। जो शायद ट्रोल मास्टर (जयराम रमेश) ने नहीं बनाया था। पीएम मोदी के द्वारा लोकल ब्रांड को महत्व देने पर गर्व महसूस करने की बजाए ये रो रहे हैं। तीसरी बार लगातार हार से इन्हें गहरा धक्का लगा है। 2019 में अराकू कॉफी को जीआई टैग मिला था। ये टैग किसी खास जगह पर उत्पन्न होने वाली यूनीक चीजों को मिलता है। जीआई टैग मिलने के बाद वैश्विक स्तर पर उस चीज की मांग काफी बढ़ जाती है।