पति की मौत के बाद उसे नैतिक समर्थन देने के लिए आगे आया युवक, बॉम्बे हाई कोर्ट टिप्पणी

अगर कोई व्यक्ति पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी करता
 

पब्लिक न्यूज़ डेस्क। अगर कोई व्यक्ति पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी करता है तो यह द्विविवाह की श्रेणी में तो आता ही है साथ ही पति का आचरण ‘बलात्कार’ के दायरे में भी आता है। यह अहम टिप्पणी की है बॉम्बे हाई कोर्ट ने।

दरअसल, एक शख्स ने पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी की। इस दौरान उसने दूसरी महिला से झूठ भी बोला और बिना पहली पत्नी को तलाक दिए इस महिला से शारीरिक संबंध बनाए। कोर्ट ने अब उसे राहत देने से भी इन्कार कर दिया है और उसकी एफआइआर रद करने की मांग ठुकरा दी है।

हाई कोर्ट ने आरोपी के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि वह महिला के पति की मौत के बाद उसे नैतिक समर्थन देने के लिए आगे आया था। इसमें आरोपी/याचिकाकर्ता की एफआइआर रद करने से इन्कार कर दिया, जिसके बाद उस पर बलात्कार का मुकदमा चलाया जा सकेगा। हैरानी की बात यह है कि इस दौरान उसने पहली पत्नी को भी धोखे में रखा।

मिली जानकारी के मुताबिक, जिस महिला से आरोपी ने शादी की उसके पति की मौत हो चुकी थी। इसके बाद उसने मेलजोल बढ़ा लिया। इस दौरान आरोपी ने विधवा महिला से शादी कर ली, यह कहकर कि उसकी पत्नी से नहीं बनती है और वह जल्द ही अपनी पत्नी से तलाक लेने वाला है।

कुछ दिनों बाद आया नया मोड़

इस मामले में अहम बात यह है कि विधवा महिला से शादी के बाद कुछ दिन तो ठीक चला फिर अचानक ही वह अपनी पहली पत्नी के पास चला गया। उधर, पीड़ित महिला का कहना है कि आरोपी ने झूठ बोलकर न केवल शादी की, बल्कि उसके साथ झूठे वादे करके शारीरिक संबंध भी बनाए।

इस पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि जब शिकायतकर्ता (आरोपी) की पहली चल रही थी तो दूसरी महिला से विवाह करना और फिर शारीरिक संबंध स्थापित करना दरअसल, धारा 376 यानी बलात्कार की श्रेणी में आता है। कोर्ट इस पर अहम टिप्पणी करते हुए आरोपी शख्स के खिलाफ मामले में दर्ज एफआइआर दर्ज करने से मना कर दिया। ऐसे में इस आरोपी के खिलाफ अब बलात्कार का केस चलाया जाएगा।