आखिर क्यों खारिज हुई राहुल गांधी की अर्जी, क्या अब जेल जाएंगे राहुल गांधी ?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ मामले में गुरुवार को सेशंस कोर्ट
 

पब्लिक न्यूज़ डेस्क। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ मामले में गुरुवार को सेशंस कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी। राहुल ने अपनी दो साल की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। अब राहुल गांधी की अर्जी खारिज होने पर उनकी सजा बरकरार रहेगी। उन पर अब जेल जाने की संभावनाएं भी लटकने लगी है। आइए जानते हैं कि राहुल गांधी के पास अब क्या-क्या विकल्प हैं?

राहुल गांधी के पास अब क्या है विकल्प?

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने बाताया की ‘राहुल गांधी को एक अदालत ने दो साल की सजा सुनाई है। इसी सजा के आधार पर उनकी संसद की सदस्यता चली गई है। अब सेशंस कोर्ट ने भी उनकी अर्जी खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। राहुल गांधी के पास अब बचाव के लिए एक रास्ता है। वह सेशंस कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जा कर दरवाजा खटखटा सकते हैं। अगर हाईकोर्ट से भी उनकी अर्जी खारिज हो जाती है तो वह सुप्रीम कोर्ट में भी जा सकते हैं।’

क्या जेल जाएंगे राहुल गांधी?

अश्विनी उपाध्याय कहते हैं, राहुल गांधी को निचली अदालत ने 23 मार्च 2023 को मोदी ‘सरनेम’ वाले मामले में उनको दो साल की सजा सुनाई थी। तब एक महीने के लिए सजा पर रोक लगाते हुए कोर्ट ने राहुल गांधी को इसके खिलाफ सेशंस कोर्ट जाने का मौका दिया था। आज 20 अप्रैल है और सेशंस कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत नहीं दी है। मतलब अभी भी उनकी दो साल की सजा बरकरार है। ऐसे में अगर तीन दिन के अंदर उन्हें हाईकोर्ट या किसी ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिलती है तो यकीनन राहुल गांधी को जेल जाना पड़ सकता है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल राहुल गांधी द्वारा, 2019 में मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में 23 मार्च को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने राहुल को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने फैसले पर अमल के लिए 30 दिन की मोहलत भी दी थी। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। 23 मार्च को निचली अदालत ने राहुल को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अगले ही दिन राहुल की लोकसभा सदस्यता चली गई थी। राहुल की अपना सरकारी घर भी खाली करने का नोटिस मिला हुआ है।