पश्चिम बंगाल  : दर्ज हुई कैलाश विजयवर्गी, तेजस्वी सूर्या और दिलीप घोष पर FIR , सिलीगुड़ी रैली में हिंसा फ़ैलाने का है आरोप 

 

सोनम राणा 

सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भाजपा (BJP) की ओर से किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा (Bengal Violence) के मामले में पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।  पश्चिम बंगाल पुलिस ने बुधवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya), युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या, दिलीप घोष और कई अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।  भाजपा नेताओं पर  बीजेपी के 'उत्तरकन्या अभियान' के दौरान हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है।  

सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के न्यू जलपाईगुड़ी पुलिस स्टेशन में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, सांसद एवं भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या, बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।  पुलिस ने सौमित्र खान, सायंतन बोस, सुकांता मजूमदार, निशीथ प्रमाणिक, राजू बिस्टा, जॉन बरला, खोगन मुर्मू, सांकू देब पांडा और प्रवीण अग्रवाल और अन्य को भी आरोपित किया।  

पुलिस का आरोप है कि जिन बीजेपी नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है कि उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को हिंसा करने, कानून-व्यवस्था को तोड़ने, पुलिस के साथ झड़प करने और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाया। 

बता दें कि सोमवार को बीजेपी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उत्तरकन्या की ओर मार्च किया था।  इस दौरान, भाजपा समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई।  पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा।  बीजेपी के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई थी।  

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक,  बीजेपी कार्यकर्ता उलेन रॉय ने शॉटगन के छर्रों से घायल होने के कारण दम तोड़ दिया।  पश्चिम बंगाल पुलिस ने दावा किया है कि वह शॉटगन का इस्तेमाल नहीं करती है।  साथ ही आरोप लगाया कि "भीड़ में हथियार से लैस लोग थे और उन्होंने फायर किया। " 

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि पार्टी कार्यकर्ता उलेन रॉय की मौत के पीछे पुलिस और तृणमूल कांग्रेस के गुंडों" की सांठगांठ है।  उन्होंने कहा, "यह पुलिस की नादिरशाही (क्रूरता) और ममता बनर्जी सरकार की अराजकता है।  पुलिस और टीएमसी के गुंडों के बीच सांठगांठ है।  पुलिस आंसू गैस का इस्तेमाल कर रही थी और गुंडे देशी बम फोड़ रहे थे।  ”

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