मंदिर में पूजा की सामग्री के अलावा भूलकर भी ना ले जाएं ये सामान, व्यर्थ हो जाएगी पूजा
 

सनातन धर्म में पूजा-पाठ दिनचर्या और जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
 

पब्लिक न्यूज़ डेस्क। सनातन धर्म में पूजा-पाठ दिनचर्या और जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कई लोग घर पर ही पूजा पाठ करते हैं तो कोई मंदिर में जाकर भगवान की आराधना करना पसंद करता है। हर व्यक्ति अपनी श्रद्धा के अनुसार कार्य करता है। बता दें कि मंदिर को देवी-देवताओं का स्थान माना जाता है और कहा जाता है कि मंदिर में भगवान की भक्ति का प्रभाव चारों तरफ होता है जो कि मन को शांति प्रदान करता है। लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ लोग मंदिर में जाते वक्त अपने साथ ऐसी चीजें लेकर चले जाते हैं जो कि निषेध माना जाता है। दरअसल, मंदिर में पूजा करने के लिए हम कई नियमों का पालन करते हैं उसी प्रकार मंदिर में पूजा करने से लेकर प्रवेश करने के लिए भी कई नियमों का पालन करना होता है। लेकिन अगर आप जल्दी-जल्दी में कोई गलती करते हैं तो इससे पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता। उसी प्रकार मंदिर में कई चीजों को ले जाने की मनाही है, आइए जानते हैं कौन सी है वो चीजें-

मंदिर में ना ले जाएं चमड़े से बनी चीजें

जब भी हम मंदिर में प्रवेश करते हैं तो जूते-चप्पल बाहर निकाल देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि हम जानें-अनजाने में अपने साथ हम चमड़े से बनी दूसरी चीजें ले जाते हैं जो कि अच्छा नहीं माना जाता है। इसलिए मंदिर में प्रवेश करने से पहले चमड़े से बनी चीजें जैसे चमड़े का पर्स, बेल्ट, जैकेट, टोपी और बैग आदि मंदिर से बाहर रख देना चाहिए। क्योंकि चमड़े से बनी वस्तुओं को मंदिर ले जाने के लिए अशुद्ध माना जाता है, लेकिन क्यों माना जाता है आइए हैं।

इसलिए अशुद्ध मानी जाती है चमड़े से बनी चीजें

दरअसल, चमड़े से बनी चीजें मृत पशुओं की खाल से बनाई जाती है। इसलिए इन चीजों को मंदिर में प्रवेश करते समय नहीं ले जाना चाहिए। इसके अलावा एक कारण ये भी है कि जिस प्रकार हम मंदिर के अंदर धुले हुए व साफ सुथरे कपड़े पहनकर जाते हैं। लेकिन चमड़े से बनी चीजों के साथ ऐसा नहीं होता है। चमड़े की चीजों में पानी लगते ही वह खराब होने लगती है। इसलिए चमड़े से निर्मित चीजों को अशुद्ध माना जाता है।