कोरोना पॉजिटिव मरीज कितने दिन बाद दूसरों को नहीं कर पाता संक्रमित, जानिए

 

नई दिल्ली। पिछले 24 घंटे में करीब 4 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये भी साफ जाहिर कर दिया है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर को आने से किसी भी कीमत पर नहीं रोका जा सकता है। ऐसे में लोगों की चिताएं पहले से अधिक बढ़ गई हैं। वायरस की रोकथाम के लिए भले ही वैक्सीनेशन प्रोग्राम जारी हो लेकिन म्यूटेशन के बाद कोविड के नए-नए वेरिएंट आ रहे हैं जो बेहद घातक बताए जा रहे हैं।

वायरस भले ही एक साल ज्यादा पुराना हो चुका है लेकिन इसे लेकर तमाम तरह के सवाल लोगों के मन में अब भी उठ रहे हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कोविड एक व्यक्ति के जरिए दूसरे लोगों में फैलता है और इसी तरह की इसकी ट्रांसमिशन चैन चलती रहती है। इन दिनों तमाम लोगों के जेहन में एक सवाल उमड़ रहा है कि दूसरी लहर का वायरस संक्रमित व्यक्ति द्वारा कितने दिन बाद दूसरों तक नहीं पहुंचता है।

​10 दिन बाद खत्‍म हो जाती है वायरस की पावर

कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद मरीज 10 दिन बाद किसी दूसरे को इनफेक्टिड नहीं करता है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स कोविड पॉजिटिव लोगों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दे रहे हैं।

क्वाराइंटन ड्यूरेशन के बीच अगर किसी को लगातार 3-4 दिनों तक बुखार या दूसरे लक्षण नहीं दिखते हैं, तो संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ्य है और उसे निगेटिव सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है। आसान भाषा में समझें तो अगर कोविड संक्रमण का शिकार होने के बाद उसमें किसी भी तरह के सिम्टम्स नहीं दिख रहे तो इसका मतलब वो महामारी से रिकवर हो चुका है।

होम आइसोलेशन के बाद RT-PCR टेस्ट की जरूरत नहीं

डॉक्टर द्वारा कही बात की सरकार की ओर से प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो यानी PIB ने भी एक ट्वीट के जरिए पुष्टि की है। PIB ने पोस्ट में लिखा, 'आमतौर पर सिम्टम्स शुरू होने के 10 दिनों के बाद रोगी गैर-संक्रामक (Non-infectious) हो जाता है।

लिहाजा यदि कोरोना संक्रमित रोगी में पिछले कुछ दिनों से कोई लक्षण नहीं है और बुखार भी नहीं है, तो होम आइसोलेशन के बाद उसे निगेटिव RT-PCR टेस्ट दोबारा कराने की जरूरत नहीं है।' मालूम हो कि स्टडी के अनुसार, वायरस के संपर्क में आने के 10 से 14 दिन के अंदर ही मरीज में वायरस के लक्षण विकसित हो जाते हैं।

क्या कहता है शोध

स्टडी में भी ये बात सामने आ चुकी है कि कोरोना संक्रमित मरीज 9 दिन तक दूसरों में वायरस संक्रमण नहीं पहुंचाता है। कोरोना वायरस को लेकर ब्रिटेन के एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि कोरोना का मरीज 9 दिन के बाद दूसरों में संक्रमण नहीं फैलाता है।

इस अध्ययन के मुताबिक, कोविड संक्रमित व्यक्ति के अंदर मौजूद वायरस की 9 दिन के बाद वायरस संक्रमण फैलाने की क्षमता खत्म हो जाती है। वहीं सिंगापुर स्थित राष्ट्रीय संक्रामक रोग केंद्र (National Centre for Infectious Diseases) (NCID) ने भी अपने शोध में दावा किया है कि मरीज 10 दिन बाद संक्रमण से मुक्त हो जाता है।

​क्या एसिम्पटोमैटिक भी फैला सकते हैं वायरस?

शोधकर्ताओं का मानना है कि कोरोना संक्रमित मरीज को शुरुआती दिनों में आइसोलेट करना बहुत आवश्यक है। क्योंकि ऐसे में एसिम्पटोमैटिक यानी बिना लक्षण वाले मरीज भी शुरुआत में ही ज्यादा संक्रमण फैला सकते हैं। अध्ययन के नतीजों इस बात की ओर सुझाव देते हैं कि किसी मरीज को ज्यादा लंबे समय तक अस्पताल में रखने की जरूरत नहीं है।

इसमें इम्यून सिस्टम अहम भूमिका निभाता है। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम मजबूत है वे इस जानलेवा वायरस को 10 दिन के अंदर ही मार देते हैं। इससे संक्रमित होने वाले लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत फेफड़ों में होती है जिस वजह से मरीज का सांस लेना मुश्किल हो जाता है।

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