आमिर खान के बेटे जुनैद खान की फिल्म 'महाराज' ओटीटी पर रिलीज हो गई है। इस फिल्म में बीते जमाने की सच्चाई दिखाई गई, Maharaj के इस किरदार की असली कहानी?
पब्लिक न्यूज़ डेस्क- आमिर खान के बेटे जुनैद खान की फिल्म ‘महाराज’ ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है। जी हां, भले ही फिल्म की रिलीज 14 जून को टल गई थी, लेकिन अब इसे बीते दिन यानी 21 जून को रिलीज कर दिया गया है। इस फिल्म में वो सच्चाई दिखाई गई है, जो कभी इंसानी दिमाग पर हावी हुआ करती थी। जब लोगों की आंखों पर धर्म के नाम पर अंधविश्ववास की पट्टी बंध जाती है, तब किसी ना किसी को सामने आकर इस दुनिया को दिखाना ही पड़ा है। इस फिल्म में भले ही सच्चाई की लड़ाई जुनैद खान लड़ रहे हैं, लेकिन डॉ. भाऊ दाजी लाड ने भी इसमें अहम योगदान दिया है। दरअसल, बीते जमाने में कुछ ढोंगी महाराज ‘चरण सेवा’ नाम जैसी एक प्रथा का सहारा लेकर महिलाओं के साथ वो सब करते थे, जो बेहद निंदनीय है। इस दौरान महाराज महिलाओं को अपनी हवेली, आश्रम पर बुलाते थे और वहां उनके साथ शारीरिक संबंध बनाते थे, जिसे चरण सेवा का नाम दिया गया। हालांकि महाराज इसे बिल्कुल गलत नहीं मानते थे और लोगों को इसके बारे में कुछ नहीं बताते थे। हालिया रिलीज फिल्म महाराज में दिखाया गया कि जो महाराज हवेली पर महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनाते थे, उन्हें ‘चांदी रोग’ था। इसके बारे में वो खुद जानते थे, लेकिन उन्होंने इसके बावजूद भी अपनी हरकतों पर रोक नहीं लगाई।
फिल्म में डॉ. भाऊ दाजी लाड ने इस बीमारी का भी विवरण किया है। कोर्ट रूम में डॉ. भाऊ दाजी लाड ने बताया कि ये एक ‘गुप्त रोग’ है, जब कोई पुरुष कई महिलाओं के साथ बार-बार शारीरिक संबंध बनाता है, तो उसे ये रोग हो जाता है।डॉ. भाऊ दाजी लाड, जिनका पूरा नाम रामचन्द्र विट्ठल लाड था। आमतौर पर उन्हें डॉ. भाऊ दाजी लाड के नाम से जाना जाता है। डॉ. लाड एक भारतीय फिजिशियन, संस्कृत स्कॉलर थे। उन्होंने 1869 से 1871 तक दो कार्यकालों के लिए बॉम्बे के शेरिफ (एक सरकारी अधिकारी होता है, जिसके अलग-अलग कर्तव्य होते हैं) के रूप में काम किया। आधुनिक मुंबई के निर्माण में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए कई सड़कों, क्षेत्रों और यहां तक कि संग्रहालयों को सम्मान में उनका नाम दिया गया है। फिल्म ‘महाराज’ में डॉ. भाऊ दाजी लाड अंग्रेजी सरकार से जुड़े हैं।गोवा के रहने वाले भाऊ दाजी लाड का जन्म साल 1822 में एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। साल 1832 में दाजी बॉम्बे चले आए और वहां जाकर वो एक मशहूर डॉक्टर और सर्जन बनें। दाजी की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक कुष्ठ रोग का इलाज करना रहा है। उन्होंने अपने जीवन में कई चीजों का सामना किया है और हमेशा सच्चाई की राह पर चले। मुंबई में उनके नाम पर एक बहुत पुराना म्यूजियम भी है। जी हां, इस म्यूजियम को लगभग 100 सालों ये भी ज्यादा का टाइम हो गया है। हालांकि इसका नाम पहले (आजादी से पहले) विक्टोरिया एंड अलबर्ट म्यूजियम था। साल 1975 में कुछ बदलाव हुए और इसका नाम बदलकर मुंबई के पहले मेडिकल ग्रेजुएट, शहर के पहले भारतीय शेरिफ और संग्रहालय समिति के संयुक्त सचिव भाऊ दाजी लाड के नाम पर रख दिया गया। वहीं, अब आमिर खान के बेटे जुनैद खान की फिल्म ‘महाराज’ में डॉ. भाऊ दाजी लाड के किरदार ने खूब तारीफ बटोरी है।