अगस्त माह में आएंगे ये व्रत एवं त्यौहार, देखें लिस्ट

अगस्त माह आरंभ हो चुका है
 

पब्लिक न्यूज़ डेस्क। अगस्त माह आरंभ हो चुका है। हिंदू पंचांग के अनुसार अभी सावन अधिकमास चल रहा है। अधिकमास 16 अगस्त को समाप्त होगा। इसके बाद सावन माह का शुक्ल पक्ष रहेगा। अधिकमास को भगवान विष्णु एवं सावन माह को भगवान शिव का प्रिय माह माना गया है। ऐसे में इस माह बाबा भोलेनाथ और श्रीहरि दोनों की आराधना के लिए उत्तम अवसर बन रहा है। इस माह रक्षाबंधन सहित कई प्रमुख व्रत एवं हिंदू पर्व आ रहे हैं। इनकी पूरी सूची यहां दी जा रही है।

अगस्त माह में आने वाले व्रत, पर्व एवं त्यौहारों की सूची 

श्रावण अधिकमाह पूर्णिमा व्रत – 1 अगस्त 2023 (मंगलवार)
संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत – 4 अगस्त 2023 (शुक्रवार)
रोहिणी व्रत – 10 अगस्त 2023 (गुरुवार)
परम एकादशी – 12 अगस्त 2023 (शनिवार)
प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष) – 13 अगस्त 2023 (रविवार)
मासिक शिवरात्रि – 14 अगस्त 2023 (सोमवार)
श्रावण अधिकमास की अमावस्या – 16 अगस्त 2023 (बुधवार)
सिंह संक्रांति – 17 अगस्त 2023 (गुरुवार)
हरियाली तीज – 19 अगस्त 2023 (शनिवार)
विनायक गणेश चतुर्थी व्रत – 20 अगस्त 2023 (रविवार)
नाग पंचमी – 21 अगस्त 2023 (सोमवार)
तुलसीदास जयंती – 23 अगस्त 2023 (बुधवार)
वरलक्ष्मी व्रत – 25 अगस्त 2023 (शुक्रवार)
श्रावण पुत्रदा एकादशी – 27 अगस्त 2023 (रविवार)
प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष) – 28 अगस्त 2023 (सोमवार)
29 अगस्त 2023 (मंगलवार) – ओणम/थिरुवोणम
रक्षा बंधन – 30 अगस्त 2023 (बुधवार)
श्रावण पूर्णिमा अथवा नारली पूर्णिमा व्रत – 31 अगस्त 2023 (बुधवार)

सावन अधिकमास में कैसे करें भगवान विष्णु की आऱाधना

शास्त्रों में भगवान विष्णु की आराधना के लिए कई मंत्र बताए गए हैं। इनमें द्वादशाक्षर मंत्र सर्वाधिक प्रचलित है। आप भी सावन अधिकमास में भगवान नारायण के चतुर्भुज स्वरूप की आराधना करते हुए इस मंत्र का अधिकाधिक जप कर ईश्वर को प्रसन्न कर सकते हैं। इस मंत्र के अतिरिक्त आप विष्णु सहस्त्रनाम तथा श्रीमद्भागवत का पाठ कर सकते हैं। इनके पाठ से ग्रहदोष व अन्य सभी बाधाएं नष्ट होकर सौभाग्य प्राप्त होता है।

ऐसे करें भगवान शिव की स्तुति

सावन माह में भगवान भोलेनाथ को रिझाने के लिए रुद्राभिषेक तथा सहस्त्रघट का आयोजन किया जाता है। इनके अलावा बहुत से भक्त पंचाक्षरी मंत्र तथा महामृत्युंजय मंत्र का भी जप कर प्रभु को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। आप भी अपनी कामना के अनुसार शिवलिंग का अलग-अलग वस्तुओं से अभिषेक कर अपनी मनोकामना की पूर्ति का वरदान मांग सकते हैं।