साल 2020-21 में 63 जगहों पर इतिहास को ढूंढने के लिए होगी खुदाई

 

नई दिल्ली । साल 2021-22 के दौरान देशभर के ऐसे 63 स्थानों पर खुदाई होगी जहां जमीन में दबा हुआ इतिहास निकलेगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने इस बारे में अनुमति दे दी है। इसमें से एएसआइ स्वयं 8 महत्वपूर्ण स्थलों पर खुदाई कराएगा। जबकि 46 स्थानों पर विभिन्न कालेज व विश्वविद्यालय आदि को अनुमति मिली है। जिन स्थानों पर खोदाई होगी उनमें हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश आदि के महत्वपूर्ण स्थल शामिल हैं।

वहीं, देश के 46 पुरातात्वित स्थलों पर अन्वेषण कार्य करने की भी अनुमति दी गई है। एएसआइ ने जिस पुरातात्वित स्थलों पर खुदाई की अनुमति दी है, एएसआइ का जम्मू कश्मीर के आरएस पुरा स्थित तिब्बा तिलियाना (जिंदर महलू) में पहली बार खुदाई कराएगा। यहां स्थित टीले से धराकहर निकलती रहती हैं, मगर अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह स्थल कितना पुराना है। इसका पता लगाने के लिए यहां खुदाई होगी। जम्मू कश्मीर में 2010 के बाद एएसआइ द्वारा यह पहली खोदाई होगी। हरियाणा के सिरसा के ठेड मोंड में खुदाई होगी। खुदाई में हरियाणा और राजस्थान की सीमा पर वह स्थान भी शामिल है जहां से कैथल और सिरसा की दूरी पांच किलोमीटर है। यहां पर खुदाई में सूख चुकी सरस्वती नदी भी शामिल होगी। सरस्वती नदी के लिए पिछले कई सालों से प्रयास चल रहे हैं। वहीं राजस्थान के जिला हनुमानगढ़ स्थित कालीबंगा, झारखंड के जिला हजारीबाग के ब्लाक सदर स्थित ऐतिहासिक स्थल सीतागढ़ा की पहाड़ी पर खुदाई होगी। 

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