घर दिखे बड़ा और व्यवथित, इसके लिए इन टिप्स की लें मदद

 

पब्लिक न्यूज डेस्क। जरूरत पड़ने पर जब किसी चीज़ को ढूंढों तो वो जल्दी मिलता ही नहीं है ऐसे में उसी दौरान ऐसा मन तो बना लेते हैं कि आज ही बेकार की चीज़ों को हटाएंगे लेकिन एक बार सामान मिल जाने पर अपना ये इरादा बदल देते हैं। जिससे घर और अलमारी में बहुत सारी अनावश्यक चीज़ें इकट्ठा होती रहती हैं। वैसे तो दिवाली की साफ-सफाई के दौरान काफी सारी चीज़ें बाहर निकल चुकी होंगी लेकिन अगर फिर भी घर व्यवस्थित नहीं नजर आ रहा तो इन टिप्स की ले सकते हैं मदद।

मौसम के अनुसार सामान समेंटें

घर के सामानों में कुछ ऐसा सामान भी होता है जिनकी जरूरत सिर्फ होली-दिवाली पर ही होती है जैसे- बच्चों की पिचकारी और रंग, दिवाली पर लगाई जाने वाली लाइट्स, कूलर में पानी भरने वाली पाइप, बच्चों के मानसून में पहने जाने वाले रेनकोट, छाता आदि। इस सामान की आवश्यकता एक साल के अंतराल में पड़ती है। ऐसे में उन्हें डिब्बे में रखकर ऊपर स्टीकर चिपकाकर नोट कर के एक तय जगह पर रख दें जिससे जरूरत पड़ने पर फिर से इस्तेमाल किया जा सके।

कमरों का रख रखाव करें सलीके से

अगर बेडरूम छोटे हैं तो पर्दे और बेडशीट हल्के रंगों के इस्तेमाल करें। बच्चों के कमरे में उनकी बुक्स, कपड़ों की अलमारी, शूज और टॉयज रखें जिससे वे अपना कमरा मैनेज करना प्रारंभ से सीख जाएं। शुरु में पेरेंट्स को चाहिए उन्हें वीकेंड पर अपना कमरा मैनेज करना सिखाएं और बाद में उन पर जिम्मेदारी सौंप दें। कमरे से कोई भी चीज़ निकालनी हों तो बच्चों से पूछ लें कि उन्हें जरूरत तो नहीं।

बुजुर्गों के कमरे की छंटनी करते समय उनके सेंटीमेंट्स को ध्यान में रखकर छंटनी करें। अगर आपको लगे कि वे कुछ अनावश्यक सामान भी रख रहे हैं तो उन्हें उसके नुकसान समझाएं और विश्वास दिलाएं कि उन्हें आवश्यकता पड़ने पर फिर से लिया जा सकता है।

सामान को दें उचित स्थान

जिस कमरे का सामान हो उसे उचित जगह पर रखें। रसोई का रसोई में, बेडरूम और ड्राइंग रूम का उनके उचित स्थान पर रखें जिससे ढूंढने में कठिनाई न हो और जब उनकी आवश्यकता हो, उन पर नजर आसानी से पड़ जाए।

अगर रसोईघर के कुछ बर्तन पुराने पड़ गए हों या टूट रहे हों, समय रहते उन्हें बदल दें। कुछ बर्तन दीवारों पर हुक लगाकर भी लटका सकते हैं, जैसे- कुकर के ढक्कन, फ्राइंग पैन, छननी आदि।

परिवार में सबको सीख दें मैनेजमेंट की

वैसे तो पढ़ने में अजीब लगता है कि परिवार के सभी लोग मैनेजमेंट सीखें। लेकिन समय की यही मांग है। अगर सभी अपने सामान के प्रति जागरूक होंगे तो घर का बैलेंस नहीं बिगड़ेगा और सामान ढूंढने में समय बर्बाद नहीं होगा। बस जरूर है घर में कुछ नियम बनाने की। बच्चों और पति को समझाएं कि वे अपने शूज और अपने कपड़े यथास्थान पर रखें। घर में पुराने अखबारों के लि भी एक कोना निश्चित रखें जिससे सलीके से रखे अखबार घर को अस्त-व्यस्त न बनाएं।

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