केशव प्रसाद मौर्य बोले- चुनाव बाद पार्टी नेतृत्व तय करेगा मेरी भूमिका,

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केशव प्रसाद मौर्य बोले- चुनाव बाद पार्टी नेतृत्व तय करेगा मेरी भूमिका,

केशव प्रसाद मौर्य बोले- चुनाव बाद पार्टी नेतृत्व तय करेगा मेरी भूमिका,


मेरठ। उप मुख्यमंत्री और भाजपा के पिछड़े वर्ग के चेहरे केशव प्रसाद मौर्य नहीं मानते कि पश्चिमी यूपी में भाजपा के स्टार प्रचारकों की भाषा में तल्खी आई है। वह कहते हैं, कैराना पलायन और कवाल कांड को कौन भूल सकता है। उन्हें लगता है कि भाजपा फिर 300 सीट जीतकर सरकार बनाएगी। इसका आधार पूछने पर कहते हैं, मोदी है तो मुमकिन है। लोगों को भाजपा पर भरोसा है। कौशांबी जिले की सिराथु सीट से नामांकन दाखिल कर चुके केशव कहते हैं कि चुनाव बाद मेरी भूमिका राष्ट्रीय नेतृत्व तय करेगा। मेरठ आए केशव प्रसाद मौर्य से राजेन्द्र सिंह ने बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश-

पश्चिमी यूपी और प्रदेश में भाजपा के प्रदर्शन को लेकर आपका आकलन क्या है ?
मेरठ में हम सभी सात और प्रदेश में 300 से ज्यादा सीट जीतने जा रहे है। यह गुंडागर्दी से मुक्ति और सुरक्षा की गारंटी का चुनाव है। भाजपा सरकार में 24 घंटे सुरक्षा की गारंटी है। पश्चिमी यूपी के लोग अपराधी, माफिया से मुक्ति पा चुके हैं, भविष्य में संकट में नहीं पड़ना चाहते। इसलिए वेस्ट यूपी में भाजपा को भारी सफलता मिलने जा रही है। मैनपुरी में अखिलेश यादव की करहल समेत पांचों सीट भाजपा जीतेगी।

इतनी बड़ी सफलता के दावे का आधार क्या है, मुकाबला किससे, निशाने पर सपा-रालोद गठबंधन ही क्यों ?
हमारा किसी से मुकाबला ही नहीं है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा, बसपा और रालोद मिलकर चुनाव लड़े थे, तब भी हमने लोकसभा की 64 सीट जीतीं, 51 फीसदी वोट लिया। सभी विरोधी एक भी हो जाएं तो भी कमल खिलेगा। मोदी है तो मुमिकन है। लोगों को भाजपा पर भरोसा है। सौ में साठ हमारा, 40 में भी बंटवारा, बंटवारे में भी हमारा।

चुनाव में आपका मुद्दा हिंदुत्व है या विकास ?
हमारा मुद्दा विकास, सुशासन, कानून व्यवस्था और गरीबों का कल्याण है। किसानों की आय बढ़ाना, 24 घंटे बिजली देना, चमाचम सड़के बनाना हमारा मुद्दा है। इसके विपरीत यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि विपक्षी दल आपराधिक गैंग को संरक्षण देते हैं।  

पश्चिमी यूपी में किसानों की नाराजगी का कितना असर मानते हैं ?
किसानों में नाराजगी नहीं है। कृषि कानून लागू करने के बाद भी किसान नाराज नहीं थे। फिर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ा दिल दिखाते हुए कृषि कानून वापस लिए, कष्ट के लिए किसानों से माफी मांगी। भाजपा सरकार ने अन्नदाता की आय बढ़ाने के लिए कदम उठाए। सपा, बसपा और कांग्रेस किसानों के जन्मजात दुश्मन हैं, वे उनके नाम पर राजनीति कर रहे हैं। पश्चिमी यूपी में किसानों का हर वर्ग हमारे साथ है। 2014 से उनका आशीर्वाद मिल रहा है।

इधर पश्चिमी जिलों में भाजपा नेताओं के बयानों में तीखापन क्यों ?
हमारी भाषा में तल्खी नहीं है। क्या कैराना पलायन, कवाल कांड को भूल जाए। सहारनपुर, शामली में कैसे रात में थानों पर ताले पड़ जाते थे, नजर बजते ही भैंसा-बुग्गी लुट जाती थी, पंक्चर होने पर कार गायब हो जाती थी, सोतीगंज में कट जाती थी। सपा का झंडा लगी गाड़ी का मतलब था, उसमें गुंडा होना।

स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान जैसे पिछड़े वर्ग के नेताओं के भाजपा छोड़ने का क्या असर पड़ेगा ?
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव का स्मरण कीजिए। इन नेताओं में से कोई हमारे साथ नहीं था। प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार थी। तब 73 सांसद जीतकर केंद्र में सरकार बनाई। किसी से आने-जाने से भाजपा पर फर्क नहीं पड़ता। ये सभी नेता अपनी सीट भी नहीं बचा पाएंगे।

पिछड़ों, दलितों के सवालों पर ओमप्रकाश राजभर भाजपा पर हमलावर हैं। ओबीसी वोटों पर इसका असर पड़ेगा ?
पिछड़ी जातियों के मतों के बंटवारे का कोई सवाल ही नहीं। पूरब, पश्चिम, मध्य, बुंदेलखंड, हर जगह भाजपा की आंधी चल रही है। भाजपा के साथ अगड़ा, पिछड़ा और दलित की त्रिवेणी है। गरीब, किसान और महिलाओं के लिए जितना काम इस सरकार में हुआ, उतना पहले नहीं हुआ। भाजपा सरकार ने 4.50 लाख युवाओं को बना भेदभाव के सरकारी नौकरी दी। सपा सरकार में नौकरियो के लिए बोली लगती थी।

छुट्टा पशुओं से फसलों से नुकसान की समस्या बनी हुई ?
इस समस्या के समाधान की पहल भाजपा सरकार ने की है। इसके लिए बजट में धन का प्रावधान किया है। छुट्टा पशुओं की व्यवस्था भी सरकार करेगी और मुंडा, माफिया, अपराधी से सुरक्षा की गारंटी भी भाजपा देगी। विकास को गति भी भाजपा सरकार में ही मिलेगी। इतना तय है कि अवैध बूचड़खाने न चले हैं और न ही चलेंगे।

विपक्ष का आरोप है कि आप लोग चुनाव को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की ओर ले जा रहे हैं, आप जालीदार टोपी और जिन्ना का मुद्दा खूब उठा रहे हैं ?
मैने गुंडो, अपराधियों की जालीदार टोपी का जिक्र किया है। बताइयें, देश के बंटवारे के लिए दोषी जिन्ना की तुलना सरदार पटेल से किसने की। इनकी सोच जनता समझती है। 2014 से 2019 तक अलग-अलग दलों ने गठबंधन किए लेकिन बुरी तरह हारे। इस बार भी साइकिल पंक्चर होगी और हैंडपंप से पानी नहीं निकलेगा। गर्मी उतारने संबंधी मुख्यमंत्री का बयान अपराधियों, गुंडई करने वालों, माफिया और पलायन के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए था।

आपने कहा, अयोध्या, काशी के बाद अब मथुरा की बारी। आप क्या कहना चाहते हैं ?
हमारा लक्ष्य सभी तीर्थों का विकास करना है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है, काशी में  बाबा विश्वनाथ धाम का लोकार्पण हो चुका है। हमने मथुरा में ज्ञानवापी मस्जिद की बात नहीं है। इसका प्रकरण अदालत में विचाराधीन है। हम कन्हैया की जन्मस्थली और उनकी लीला स्थली को भव्य स्वरूप में खड़ा करना चाहते हैं। मथुरा, वृंदावन का विकास करना चाहते हैं तो अखिलेश, प्रियंका की छाती पर सांप क्यों लोटता है। हम सभी तीर्थों का विकास करेंगे।

आपने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है, चुनाव बाद आपकी क्या भूमिका होगी ?
भाजपा में किसको क्या भूमिका देनी है, यह राष्ट्रीय नेतृत्व करता है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पांच साल चली सरकार में हमने विकास किया, सुरक्षा दी और कोरोना महामारी के महासंकट का सफलता के साथ सामना किया। भाजपा व्यक्ति और परिवारवादी पार्टी नहीं है। चुनाव बाद मेरी क्या भूमिका होगी, यह राष्ट्रीय नेतृत्व तय करेगा।

भाजपा विरोधी एक ही थैली के चट्टे बट्टे
केशव प्रसाद ने कहा, विरोधी दल एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। चौधरी अजित सिंह अब नहीं रहे, मैं उन पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। सपा, बसपा और रालोद के गठबंधन के बावजूद हमने मुजफ्फरनगर में उन्हें हराया। ये सभी दल राहुल गांधी के साथ थे फिर भी अमेठी में कमल खिला। ये सभी 24 करोड़ लोगों की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है।

भाजपा के साथ त्रिवेणी, किसी की जरूरत नही
केशव प्रसाद ने कहा कि भाजपा जयंत चौधरी पर डोरे नहीं डाल रहा है। जनता को बताया है कि 2017 और 2019 में अखिलेश ने जिनसे गठबंधन किया। वे भी डूबे और अखिलेश यादव भी। हमें किसी मित्र की जरूरत नहीं है। हमारी त्रिवेणी भाजपा, अपना दल और निषाद पार्टी 300 से ज्यादा सीट जीत रही है। 400 सीट जीतने का दावा करने से पहले अखिलेश यादव 2014, 2017 और 2019 के अपने दावों को याद कर लें।

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