यूपी में इको टूरिज्म बोर्ड बनाएगी योगी सरकार, कुकरैल शिफ्ट होगा लखनऊ जू

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यूपी में इको टूरिज्म बोर्ड बनाएगी योगी सरकार, कुकरैल शिफ्ट होगा लखनऊ जू

यूपी में इको टूरिज्म बोर्ड बनाएगी योगी सरकार, कुकरैल शिफ्ट होगा लखनऊ जू


पब्लिक न्यूज़ डेस्क।  सीएम योगी आदित्‍यनाथ की अध्‍यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 18 प्रस्‍तावों को मंजूरी दी गई। इनमें यूपी इको टूरिज्‍म बोर्ड के गठन, लखनऊ चिड़ियाघर को कुकरैल शिफ्ट करने और नाइट सफारी शुरू करने का प्रस्‍ताव भी शामिल हैं। नाइट सफारी कुकरैल वन क्षेत्र में बनेगी। वहां 2027 हेक्‍टेअर का जंगल है। 150 एकड़ में प्राणि उद्यान बनेगा। 350 एकड़ में नाइट सफारी बनेगी। 

कैबिनेट की बैठक में कंसल्‍टेंट की नियुक्ति का भी निर्णय लिया गया। तय हुआ कि 6 पद सृजित किए जाएंगे। मुख्‍य सचिव की अध्‍यक्षता में परामर्श समिति और अपर मुख्य सचिव वन की अध्यक्षता में कार्य संचालन समिति बनेगी।

10 विभागों के समन्वय से प्रदेश में इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया है। यूपी इको टूरिज्म बोर्ड में पर्यटन, वन, सिंचाई, उद्यान, जल, कृषि, ग्रामीण, आयुष, नगर विकास, परिवहन सहित 10 विभाग शामिल होंगे। इसके अध्यक्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे जबकि संबंधित विभागों के मंत्री इसके सदस्य होंगे। मुख्य सचिव इसके सचिव होंगे। आईआरसीटीसी और पांच विशेषज्ञ भी इसके सदस्य होंगे।

इसके अलावा अलीगढ़ में फ़ूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट को अपग्रेड कर होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट बनाए जाने का निर्णय भी बैठक में लिया गया। 17 नए पाठ्यक्रम शुरू होंगे। बैठक में रामपुर में अग्निशमन केंद्र बनाने के लिए जमीन देने को भी मंजूरी दी गई। इसके अलावा बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य विद्युत निगम उत्पादन लिमिटेड, जवाहर विद्युत निगम उत्पादन लिमिटेड और जल विद्युत निगम लिमिटेड का विलय किया जाएगा। प्रतापगढ़ में मान्धाता नगर पंचायत के गठन का निर्णय भी बैठक में लिया गया। जौनपुर की नगर पालिका मुंगरा बादशाहपुर का विस्तार किया गया है।

प्रदेश में अब कुल 752 नगर निकाय हो गए हैं। जिसमें 536 नगर पंचायत, 199 नगर पालिका और 17 नगर निगम हैं। इसके साथ ही औद्योगिक विकास विभाग की डिफेंस और एयरोनॉटिकल पॉलिसी में बदलाव किया गया है। बुंदेलखंड में 15 प्रतिशत या 15 करोड़ अन्य क्षेत्रों में 10 प्रतिशत या 10 करोड़,  एमएसएमई में 5 से 7.5 प्रतिशत या 5 से 7.5 प्रतिशत करोड़ तक की सब्सिडी दी जाती थी। अब गैर बुंदेलखंड में 7 प्रतिशत या अधिकतम 500 करोड़ और बुंदेलखंड में 10 प्रतिशत या 500 करोड़ तक की सब्सिडी मिल सकेगी। 

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