प्रधानमंत्री मोदी पर भारी पड़ गए योगी आदित्यनाथ!

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प्रधानमंत्री मोदी पर भारी पड़ गए योगी आदित्यनाथ!

प्रधानमंत्री मोदी पर भारी पड़ गए योगी आदित्यनाथ!


लखनऊ।  उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछले 3 दिन से सरगर्मी तेज़ है। 4 वर्ष पहले प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही सरकार का प्रमुख चेहरा  हैं। उत्तर प्रदेश में हलचल तब शुरू हुई जब प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के खास अफसर अरविंद शर्मा को इस्तीफा दिलवाकर लखनऊ भेजा गया। उनके एमएलसी बनने के बाद ही ये चर्चा शुरू हो गया कि उनको बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। जाहिर है कि प्रधानमंत्री का खास अफसर एमएलसी बनने को तो नौकरी से इस्तीफा नहीं देगा। कयास लगाए जाने लगे कि प्रदेश में अब 3 उप मुख्यमंत्री होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी पर भारी पड़ गए योगी आदित्यनाथ!

 

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अरविंद शर्मा जैसे ही लखनऊ आए ये चर्चा शुरू हो गया कि यूपी में अब सत्ता का नया केंद्र बनने जा रहा है। नौकरशाही पर लगाम लगाने के लिए हाई कमान से इन्हे भेजा  जा रहा है।  अरविंद शर्मा के प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के करीबी होने के बावजूद योगी ने भी दम दिखाया। उनको डिप्टी सीएम या मंत्री बनाना तो दूर कई महीने तक लखनऊ में बंगला भी अलॉट नहीं किया। अरविंद शर्मा कई महीने गेस्ट हाउस में ही रहे।

प्रधानमंत्री मोदी पर भारी पड़ गए योगी आदित्यनाथ!

हाल के दिनों में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने के साथ ही एक बार फिर यूपी की राजनीति में हलचल तेज़ हुई। इसकी वजह भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष, बीजेपी यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने लखनऊ में लगातार देर रात तक बैठकें कीं। योगी आदित्यनाथ, केशव मौर्या, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह सभी से कई दिनों तक ये लोग लगातार मुलाकात करते रहे। इस सबके पीछे यही कहा गया कि यूपी में भाजपा आलाकमान कुछ बदलाव चाहता है।उत्तर प्रदेश में 10 दिन से एक और नौकरशाह से एमएलसी बने अरविंद शर्मा को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा है तो वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने की बात कही जा रही है। केशव प्रसाद मौर्य को फिर प्रदेश भाजपा  अध्यक्ष बनाकर 2022 के चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है। इस कवायद का मकसद यही लगता है कि योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ यूपी में संगठन भी ताकतवर हो और सरकार में भी एक और मजबूत धड़ा हो लेकिन योगी आलाकमान पर भारी पड़ते दिखे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी पर भारी पड़ गए योगी आदित्यनाथ!

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इस पूरी कशमकश के बीच कुछ ऐसे बयान आए हैं, जिनसे लगता है कि यूपी में योगी की ही चली है और आलाकमान को झुकना पड़ा है। लखनऊ में लगातार बैठकों के बाद दिल्ली लौटे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने ट्वीट कर लिखा, पांच हफ्तों में उत्तर प्रदेश ने कोरोना के नए दैनिक मामलों की संख्या में 93 फीसदी की कमी की हैं। योगीजी ने प्रभावी ढंग से महामारी को संभाला है। इस ट्वीट का  ये इशारा माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। वहीं उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद कहा कि बैठक सकारात्मक थी। 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा 300 सीटें जीतेगी। लगातार 3 दिनों तक लखनऊ में डेरा  डाले रहे भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष भी योगी को समझाने में नाकाम रहे कि अरविन्द शर्मा को सरकार में जगह दी जाये। इससे अब यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी हाई कमान की बात ना मानकर 7 वर्षों में पहली बार किसी नेता ने केंद्रीय नेतृत्व को चुनौती दी है। 

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