आज भी कर सकते हैं तुलसी विवाह का आयोजन, जानें पूजा की विधि, मंत्र और मुहूर्त

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आज भी कर सकते हैं तुलसी विवाह का आयोजन, जानें पूजा की विधि, मंत्र और मुहूर्त

आज भी कर सकते हैं तुलसी विवाह का आयोजन, जानें पूजा की विधि, मंत्र और मुहूर्त


पब्लिक न्यूज डेस्क। प्रबोधनी या देवोत्थान एकादशी के दिन तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप और मां तुलसी का विवाह और पूजन किया जाता है। पंचांग के अनुसार देवोत्थान एकादशी, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाई जाती है। इस दिन एकादशी के व्रत और तुलसी विवाह का पूजन करने का विधान है। लेकिन इस साल तुलसी विवाह की तिथि को लेकर ज्योतिषाचार्यों में मतभेद है। इसलिये कुछ लोग 14 नवंबर या यानि कल तुलसी विवाह मनाया है तो कुछ लोग आज भी तुलसी विवाह का आयोजन कर रहे हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि तुलसी विवाह की सही तिथि और उसको लेकर बने भ्रम के बारे में......

तुलसी विवाह की तिथि और मुहूर्त शास्त्रों के अनुसार तुलसी विवाह का आयोजन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन किया जाता है। इस एकादशी को देवोत्थान या प्रबोधनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस साल एकादशी तिथि 14 नवंबर सुबह 5 बजकर 48 मिनट पर शुरू हो कर, 15 नवंबर सुबह 6 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद से आज द्वादशी तिथि लग जाएगी जो कि कल 16 नवंबर को दिन मंगलवार को 8 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी। क्योकि 14 और 15 नवंबर दोनों दिन एकादशी तिथि में ही सूर्योदय हो रहा है। इसलिए दोनों दिन ही एकादशी तिथि मानी जा रही है। ऐसे में आज 15 नवंबर दिन सोमवार को भी तुलसी विवाह का आयोजन किया जाएगा। ऐसे में तुलसी विवाह के पूजन का शुभ मुहूर्त आज शाम को प्रदोष काल में 06 बजकर 07 मिनट से रहेगा।

तुलसी विवाह की पूजा विधि

तुलसी विवाह का पूजन शाम को प्रदोष काल में करने का विधान है। इस दिन एक चौक बना कर गन्ने से मण्डप का निर्माण करना चाहिए। इस मण्डप में भगवान शालिग्राम के विग्रह और मां तुलसी को स्थापित करें। सबसे गंगा जल से शुद्धि करण कर, भगवान को रोली, अक्षत,धूप,दीप,नैवेद्य,वस्त्र आदि अर्पित करें। इसके बाद शालिग्राम के विग्रह को हाथ में ले कर मां तुलसी की सात बार परिक्रमा करनी चाहिए और ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः। मंत्र का जाप करें। इसके बाद तुलसी और शालिग्राम भगवान के मंत्रों, स्तुति और आरती गा कर उनका पूजन करें।

तुलसी विवाह के मंत्र

1-देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः

नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

2-तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

3-लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी विवाह की शुभकामनाएं

आज तुलसी विवाह के आयोजन पर आप अपने प्रियजनों और मित्रों को शुभकामना संदेश भेज कर मां तुलसी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं...

1-तुलसी संग शालिग्राम ब्याहे

सज गई उनकी जोड़ी

तुलसी विवाह संग लगन शुरू हुए

जल्दी ले के आओ पिया डोली

शुभ तुलसी विवाह 2021...

2- उठो देव हमारे, उठो इष्ट हमारे

खुशियों से आंगन भर दो

जितने मित्र-गण रहे सुख-दुख में सहारे

सभी को देव उठनी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं!!

3- हर घर के आँगन में तुलसी

तुलसी बड़ी महान है

जिस घर में ये तुलसी रहती

वो घर स्वर्ग सामान है।

Happy Tulsi Vivah 2021...

4- गन्ने के मंडप सजायेंगे हम

विष्णु- तुलसी का विवाह रचाएंगे हम

आप भी होना खुशियों में शामिल

तुलसी का विवाह मिलकर कराएंगे हम

तुलसी विवाह 2021 की शुभकामनाएं....

5- तुलसी विवाह की आपको अनंत शुभकामनाएं।

मां तुलसी आपके जीवन की हर आशा पूर्ण करें।

डिस्क्लेमर ''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'' 

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