पूरे परिवार की साथ निकली अंतिम यात्रा , हर आँख में थे आंसू , आखिर क्यों खामोश हुआ हँसता हुआ परिवार 

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पूरे परिवार की साथ निकली अंतिम यात्रा , हर आँख में थे आंसू , आखिर क्यों खामोश हुआ हँसता हुआ परिवार 

पूरे परिवार की साथ निकली अंतिम यात्रा , हर आँख में थे आंसू , आखिर क्यों खामोश हुआ हँसता हुआ परिवार 


शाहजहांपुर। कई बार जीवन की परिस्थितियों के सामने इंसान इतना मजबूर हो जाता है कि वो न सिर्फ खुद को बल्कि अपने पूरे परिवार के लिए मौत को ही सुकून के रूप में चुन लेता है। ऐसी ही एक दिल को हिला देने वाली घटना यूपी के शाहजहांपुर में सामने आयी है। यहाँ के एक दवा व्यवसाई ने सूदखोर के चंगुल में फंस कर पूरे परिवार के साथ मौत को गले लगा लिया। सोमवार को शाहजहांपुर के कच्चा कटरा मोहल्ला निवासी दवा कारोबारी अखिलेश गुप्ता, उनकी पत्नी, बेटे आर्यन, बेटी अर्जिता ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी। वह सूदखोर अविनाश उर्फ आकाश वाजपेयी से प्रताड़ित हो रहे थे। सुसाइड लेटर के आधार पर पुलिस ने सूदखोर के खिलाफ मुकदमा भी लिखा था।

सूदखोरों से परेशान दवा कारोबारी अखिलेश गुप्ता, उनकी पत्नी रिशु गुप्ता, बेटे आर्यन और बेटी अर्जिता के शव का अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह गर्रा श्मशान घाट में कर दिया गया। अखिलेश के पिता डा. अशोक गुप्ता ने एक चिता पर रखी गई अखिलेश और रिशू के शव को मुखाग्नि दी, दूसरी चिता पर रखी आर्यन और पोती अर्जित के शव को मुखाग्नि दी। वह बेहद भावुक कर देने वाला क्षण था, जब कच्चा कटरा स्थित मकान से एक साथ परिवार की पूरे परिवार के शव लेकर रिश्तेदार निकले। बाद में डीसीएम में रख कर चारों शव श्मशानघाट ले जाए गए। इस दौरान पूरा मोहल्ला रो पड़ा। अंतिम दर्शन के लिए भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

मिली जानकारी के अनुसार कच्चा कटरा मोहल्ले निवासी दवा कारोबारी 43 वर्षीय अखिलेश गुप्ता ने नया मकान बना कर दिवाली पर गृहप्रवेश किया था। परिवार में 40 वर्षीय पत्नी रिशू, 12 साल का बेटा आर्यन , 6 साल की बेटी अर्जिता खुशहाली से रह रहे थे। मकान बनाने के लिए अखिलेश ने कांट के मरहईआ गांव निवासी सूदखोर अविनाश वाजपेयी से दो साल पहले 12 लाख रुपये लिये थे। उस 12 लाख के बदले ब्याज समेत वह 36 लाख रुपया दे चुका था। इसके बाद भी अविनाश वाजपेयी 75 लाख रुपया और मांग रहा था। रुपया न देने पर वह अक्सर अखिलेश को धमकाता था। बताया जा रहा है कि रविवार रात भी अविनाश ने अखिलेश को धमकाया था कि अगर रुपया नहीं दिया तो मकान पर कब्जा कर लेंगे। इसी बात को लेकर अखिलेश और उनकी पत्नी रिशू टेंशन में थीं।  

सोमवार दोपहर करीब सवा बजे अखिलेश के नजदीकी मित्र सुशील दीक्षित ने पहले फोन किया तो अखिलेश ने फोन पिक नहीं किया। पास में ही रहने वाले सुशील अखिलेश के घर गए तो दूसरी मंजिल पर उन्होंने सभी को लटका हुआ देखा। इसके बाद पुलिस ने आकर शव उतारे। इस दौरान पुलिस को अखिलेश के लिखे तीन सुसाइड नोट मिले, जिसमें मौत का कारण सूदखोर अविनाश वाजपेयी का नाम लिखा हुआ था। घटनास्थल का एसपी एस आनंद ने निरीक्षण किया। फोरेसिंक टीम ने साक्ष्य जुटाए। इस बीच बरेली के फरीदपुर निवासी पिता अशोक गुप्ता ने आकर पुलिस को तहरीर दी, जिसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया, जिसमें अविनाश वाजपेयी की प्रताड़ना के कारण परिवार समेत आत्महत्या करने की बात कही गई है। 

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