ठंड में बरतें सावधानी, बच्चों को नहीं होगी निमोनिया की परेशानी

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ठंड में बरतें सावधानी, बच्चों को नहीं होगी निमोनिया की परेशानी

ठंड में बरतें सावधानी, बच्चों को नहीं होगी निमोनिया की परेशानी


संवाददाता संजय कुमार तिवारी 

बलिया:  ठंड बढ़ती जा रही है। ऐसे में बच्चों में ठंड के मौसम में निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन लोग इसे साधारण सर्दी-खांसी समझ कर लापरवाही कर देते हैं। जबकि ये बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन है,अगर इसका समय रहते सही तरह से इलाज न किया जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकती है। निमोनिया होने पर फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं और इससे श्वसन प्रणाली प्रभावित होती है।  निमोनिया होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं और कुछ आसान उपायों के जरिए इससे बचाव किया जा सकता है।
बच्चों में लक्षण पहचानकर डॉक्टर से करें संपर्क:-

जिला महिला अस्पताल स्थित प्रसवोत्तर केंद्र में कार्यरत वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सिद्धार्थ मणि दुबे ने बताया कि ठंड में बच्चों को निमोनिया का खतरा अधिक होता है। इस मौसम में शिशु को ठंड से बचाना चाहिए उन्हें पूरे  गर्म कपड़े पहनाकर रखें,गर्म कपड़े से पूरा शरीर ढका  हो। उन्होंने बताया कि बच्चों में अधिक समय तक चलने वाली खांसी, बुखार /ठंड लगना,तेज सांस लेना, छाती या पसली का चलना व दर्द आदि भी निमोनिया के संकेत हो सकते हैं। निमोनिया के आम लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, सीने में दर्द, और सांस लेने में मुश्किल आदि होते हैं। उल्टी होना, पेट या सीने के निचले हिस्से में दर्द होना, कंपकपी, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द भी निमोनिया के लक्षण हैं। पांच साल से कम उम्र के ज्यादातर बच्चों में निमोनिया होने पर उन्हें सांस लेने तथा दूध पीने में भी दिक्कत होती है, और सुस्त भी हो जाते हैं। बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत बनी रहे इसलिए जन्म के तुरंत बाद बच्चे को मां का पीला गाढ़ा दूध एवं 6 माह तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाएं।

कोविड-19 के संक्रमणकाल में निमोनिया ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए कोरोना से बचाव के नियमों का भी पालन करें।  मास्क का उपयोग करें। हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सेनेटाइजर का उपयोग करें।

निमोनिया के लक्षण:

निमोनिया के सामान्य लक्षण अक्सर सर्दी या फ्लू के समान होते हैं लेकिन लंबे समय तक रहते हैं, अन्य लक्षण हैं-
- सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द
– खांसी 
– बुखार/ ठंड लगना
– उल्टी या दस्त
– सांस लेने में परेशानी

बचाव के लिए इन चीजों का ध्यान रखें -

पीसीवी (न्यूमोंकोकल कन्ज्यूगेट वैक्सीन) टीका बच्चों को निमोनिया से बचाने में सहायक होता है। इसे तीन खुराकों में दिया जाता है तथा यह बच्चों को निमोनिया से बचाने में अहम भूमिका अदा करता है।
बड़े बच्चों को ऊपर का दूध अथवा कोई भी तरल पदार्थ दूध की बोतल से न पिलाएं। दूध पिलाने के लिए कटोरी चम्मच/ गिलास का उपयोग करें।

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