सोमवार को पौष महीने की पूर्णिमा, इस दिन सत्यनारायण व्रत और पूजा करने की परंपरा

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सोमवार को पौष महीने की पूर्णिमा, इस दिन सत्यनारायण व्रत और पूजा करने की परंपरा

सोमवार को पौष महीने की पूर्णिमा, इस दिन सत्यनारायण व्रत और पूजा करने की परंपरा


पब्लिक न्यूज़ डेस्क

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पौष मास की पूर्णिमा पर पूर्ण मनोयोग से व्रत-पूजा करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। पौष मास की पूर्णिमा इस वर्ष सोमवार 17 जनवरी को है। इस दिन पूजा, जप, तप और दान करने का विधान है। आइए जानते हैं व्रत का महत्व और पूजा विधि।

धार्मिक मान्यता

पौष मास की पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की आराधना और सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ या श्रवण करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही पूर्णिमा के दिन दान करने से साधक के घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती। संभव हो तो इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर तिल तर्पण करना चाहिए। घर पर रहकर भी इस दिन स्वच्छ जल में गंगा जल या पवित्र नदी का जल मिश्रित करके स्नान किया जा सकता है।

पूर्णिमा 2022 मुहूर्त

पौष पूर्णिमा तिथि 17 जनवरी को रात 3.18 पर शुरू होकर 18 जनवरी को सुबह 5.17 पर समाप्त होगी। उदया तिथि मान्य है, इसलिए पौष पूर्णिमा 17 जनवरी को मनाई जाएगी।

पूर्णिमा व्रत पूजा विधि

1. पूर्णिमा के दिन साधक दिन भर उपवास रखें।
2. शाम को सत्यनारायण कथा श्रवण करें या स्वयं कथा का पाठ करें।
3. पूजा के दौरान सर्वप्रथम गणेश जी, कलश और नवग्रह सहित कुल देवी देवताओं की पूजा करें।
4. इसके उपरांत सत्यनारायण भगवान का पूजन करें।
5. भोग स्वरूप भगवान को पंचामृत, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, फल, फूल, पंचगव्य, सुपारी, दूर्वा आदि अर्पित करें। इससे सत्यनारायण देव प्रसन्न होते हैं।

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