स्थायी जीवन बनाना चाहते हैं घुमंतू लोहगड़िया

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स्थायी जीवन बनाना चाहते हैं घुमंतू लोहगड़िया

स्थायी जीवन बनाना चाहते हैं घुमंतू लोहगड़िया


संवाददाता विवेक मिश्रा 
चित्रकूट

 लोहगड़िया समाज के दर्जनो घुमंतू लोगों ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर बताया कि वह लोग अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत आते हैं। खेती और आवास की भूमि नहीं है। बैलगाड़ी ही उनका घर है। वहीं उनके पारिवारिक लोगों के घूमने का साधन है। बैलगाड़ी में ही पालीथिन डालकर गुजर बसर करते हैं और जर्जर लोहे को आग में तपाकर खेती और गृहस्थी के औजार में ढालते हैं। इसके बाद इन औजारों को बेंच कर जीविकोपार्जन करते हैं। आवास व खेत योग्य भूमि उपलब्ध कराकर प्रधानमंत्री आवास योजना से का लाभ दिलाये जाने की मांग की है।

 मंगलवार को लोहगड़िया समाज के प्रमुख जीतू, गोविन्द, मलखान, धर्मेन्द्र, कमलेश, लल्लू, वीरू, अर्जुन, भीम, उमेश, बल्लू, मान सिंह, राकेश, प्रताप, सुंदर, संतोष, ओमप्रकाश, सूरज के अलावा अन्य दर्जनों घुमंतू लोगोें ने डीएम की चौखट में पहुंचे जहा डीएम सुभ्रान्त शुक्ला को शिकायती पत्र देकर बताया कि समाज के कुछ लोग पहाड़ी, कर्वी व अन्य स्थानों पर वर्षो से  डेरा डाले हैं। जिनका घर बैलगाड़ी है। जिसमें पन्नी तानकर समूचा परिवार गुजारा करता है। उदर पोषण के लिए खेती नहीं है। आवास के लिए भूमि नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाभ दिलाया जाए तो वह लोग स्थायी रूप से रहकर बच्चों का भविष्य संवार सकते हैं।

बताया कि अभी तक उन्हें कोई शासकीय योजना का लाभ नहीं मिला है। आधार कार्ड भी नहीं बने हैं। मांग की है कि लोहगड़िया समाज को एक ही स्थान पर खेती व आवासीय भूमि का पट्टा दिलाकर सरसब्ज किया जाए। जिससे समाज के साथ बच्चों का उज्जवल भविष्य हो सके।

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