नोएडा फ्लैट की रजिस्ट्री में बायर को स्टांप शुल्क में मिलेगी राहत - जानिए 

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नोएडा फ्लैट की रजिस्ट्री में बायर को स्टांप शुल्क में मिलेगी राहत - जानिए 

नोएडा फ्लैट की रजिस्ट्री में बायर को स्टांप शुल्क में मिलेगी राहत - जानिए 


नोएडा में फ्लैटों की रजिस्ट्री के दौरान सुपर एरिया और कवर्ड एरिया के बीच फंसे पेच की वजह से स्टांप ड्यूटी के नाम पड़ रहे अतिरिक्त आर्थिक बोझ से फ्लैट बायर्स को राहत मिल सकेगी। जिला प्रशासन ने इस कंफ्यूजन की बारीकियों को समझते हुए ऐक्ट के अनुसार इसे लागू कराने के लिए कदम उठाया है। शहर में आम्रपाली के फ्लैटों की रजिस्ट्री के माध्यम से इस नियम को ऐक्ट में मौजूद प्रावधान के अनुसार सही तरीके से लागू करने से शुरुआत होगी और फिर इसी को आधार बनाकर दूसरे बिल्डर प्रॉजेक्टों में इसे लागू किया जा सकेगा। 

ज्ञात है शहर के अधिकांश बिल्डर प्रॉजेक्ट्स में फ्लैट लेने के दौरान बिल्डर बायर्स एग्रीमेंट में सुपर एरिया जिसमें बालकनी, लिफ्ट, लॉबी आदि का एरिया भी शामिल होता है के पैमाने के अनुसार फ्लैट बिकते हैं। वहीं, बिल्डर नोएडा अथॉरिटी से कवर्ड एरिया जैसे आपके फ्लैट में जितना एरिया आपको कवर मिल रहा है, इसमें रूम, बाथरूम, किचन आदि सभी, जिस पर सिर्फ आपका हक है उसके  मानक के अनुसार नक्शा पास होता है।

यानि सुपर एरिया का मानक नोएडा अथॉरिटी से पास होने वाले नक्शे में कहीं है ही नहीं। अब जब रजिस्ट्री होती है तो बिल्डर बायर एग्रीमेंट में लिखे सुपर एरिया के अनुसार रजिस्ट्री हो जाती है और उसी के अनुसार स्टांप ड्यूटी  शुल्क खरीददार से लिया जाता है। फ्लैट सर्कल रेट की गाइडलाइन के अनुसार कवर्ड एरिया में 20 प्रतिशत अधिक जोड़कर स्टांप शुल्क लिया जाना चाहिए।

यह बिल्डर बायर एग्रीमेंट में लिखे सुपर एरिया से अधिकांश बिल्डर प्रॉजेक्ट्स में 200-300 स्क्वायर फ़ीट कम बैठेगा। यानि बायर्स को इतने स्क्वायर फुट का स्टांप शुल्क कम देना होगा। यह तकनीकी गलती लंबे समय से चली आ रही है। इस गलती को  ठीक करने के लिए अब जिला प्रशासन ने पहली बार कदम उठाया है अब इसका  सीधा फायदा बायर्स को मिलेगा।

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