महराजगंज में सर्वाधिक पड़े वोट, सिद्धार्थनगर पिछड़ा; किसका फायदा-किसे नुकसान--

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महराजगंज में सर्वाधिक पड़े वोट, सिद्धार्थनगर पिछड़ा; किसका फायदा-किसे नुकसान--

महराजगंज में सर्वाधिक पड़े वोट, सिद्धार्थनगर पिछड़ा; किसका फायदा-किसे नुकसान--


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर-बस्ती मंडल में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। दोनों मंडलों के सात जिलों की 41 सीटों पर शाम छह बजे तक कुल 56.13 फीसदी मत पड़े।

गोरखपुर मंडल में 57.91 फीसदी तो बस्ती मंडल में 54.43 प्रतिशत वोटिंग हुई। इनमें महराजगंज में सबसे ज्यादा तो सिद्धार्थनगर में सबसे कम मतदान हुआ। ईवीएम में खराबी से कुछ केंद्रों पर मतदान बाधित रहा। मतदान संपन्न होने के साथ ही योगी और उनके पांच मंत्रियों समेत दोनों मंडलों के 485 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया। मतगणना 10 मार्च को होगी। गुरुवार सुबह उत्साह के साथ दोनों मंडलों के सातों जिलों गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर और संतकबीरनगर में मतदान शुरू हुआ। 

मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें नजर आईं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कन्या प्राथमिक विद्यालय कन्या गोरखनाथ के बूथ पर सुबह 7.07 बजे मतदान किया। वोट डालने के बाद उन्होंने प्रचंड बहुमत से भाजपा की सरकार बनने का दावा किया। दिन चढ़ने के साथ ही कई केंद्रों पर मतदाताओं के उत्साह में कमी नजर आई। खासकर शाम के घंटों में मतदान की रफ्तार कम हो गई। कई बूथों पर सन्नाटा भी दिखा। ईवीएम की खराबी से सभी जिलों के कुछ केंद्रों पर मतदान बाधित हुआ। गोरखपुर के कैम्पियरगंज में करीब दो घंटे तक मतदान रुका रहा।

वीआईपी सीटें

गोरखपुर शहर योगी आदित्यनाथ

फाजिलनगर स्वामी प्रसाद मौर्य


पथरदेवा कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही

इटवा बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी


बांसी स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह

रुद्रपुर राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद

खजनी सुरक्षित राज्यमंत्री श्रीराम चौहान

तमुकही राज अजय कुमार लल्लू

चिल्लूपार विनय शंकर तिवारी

ईवीएम जमा कराने के लिए पैदल चले मतदानकर्मी---------------------

हीरालाल डिग्री कॉलेज में ईवीएम मशीन जमा कराने पहुंचे मतदान कर्मियों को पैदल चलने के लिए मजबूर होना पड़ा। तमाम सुरक्षा कर्मी वाहनों से उतर कर अपना सामान साथ में लेकर पैदल चले। सुगर मिल तिराहे से सरैया बाईपास तक सामान्य आवागमन पर प्रतिबंध के चलते ज्यादातर कर्मचारियों को पैदल चलना पड़ा। देर रात तक ईवीएम जमा कराने का काम चलता रहा। जो मतदान कर्मी अपना वाहन लेकर आए हुए थे वह ईवीएम जमा कराने के बाद आसानी से निकल गए। जिन मतदान कर्मियों के पास कोई साधन उपलब्ध नहीं था उन्हें अपने परिजनों को बुलाकर घर जाना पड़ा।

भारत-नेपाल सीमा रही सील, कड़ा पहरा

गुरुवार को मतदान के दौरान भारत-नेपाल सीमा को सील कर दी गई थी। सीमा सील होने से आवाजाही पूरी तरह से बंद रही। सीमा के रखवालों ने मुख्य मार्ग के अलावा गैरपरंपरागत मार्गों पर पेट्रोलिंग कर किसी को भी भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया। जिले का उत्तरी हिस्सा नेपाल से सटा हुआ है। 68 किमी लंबी सीमा खुली होने से प्रशासन के लिए सीमापार से आने वालों को रोक पाना मुश्किल होता है। मतदान से 48 घंटे पहले बैरियर गिरा कर सीमा को सील कर दिया गया था। गैरपरंपरागत मार्गों से कोई आ-जा न सके इस पर पूरे दिन नजर रखने के लिए पेट्रोलिंग की जाती रही। बढ़नी सीमा पर मुख्य बैरियर से पहले ही बैरीकेडिंग कर किसी को भी आने-जाने नहीं दिया जा रहा था

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