मुख्तार अंसारी से भी शातिर है विधायक बेटा अब्बास, ऐसे दे रहा पुलिस को चकमा

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मुख्तार अंसारी से भी शातिर है विधायक बेटा अब्बास, ऐसे दे रहा पुलिस को चकमा

मुख्तार अंसारी से भी शातिर है विधायक बेटा अब्बास, ऐसे दे रहा पुलिस को चकमा


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी पुलिस को बाप से शातिर लग रहा है। अब्बास की तलाश में पुलिस की चार टीमें कई दिन से दबिश दे रही पर अपने मजबूत नेटवर्क से वह पुलिस को लगातार चकमा दे रहा है। पुलिस की दो टीमों ने लखनऊ में मंगलवार रात से बुधवार शाम तक आशियाना, एफआईटावर और चिनहट में नौ स्थानों पर दबिश दी। आशियाना में मुख्तार के गिरोह में रहे हिस्ट्रीशीटर सुरेन्द्र कालिया के घर छापा मारा गया। चिनहट में माइकल के घर दबिश दी गई तो एफआई टॉवर में मुख्तार के एक करीबी के घर पुलिस ने तलाशी ली। पर, पुलिस की यह कवायद भी फेल ही रही। वहीं दिल्ली, गाजीपुर और मऊ में भी पुलिस लगातार दबिश दे रही है। 

अब्बास के खिलाफ वर्ष 2019 में महानगर कोतवाली में शस्त्र लाइसेंस के दुरुपयोग करने की एफआईआर दर्ज करायी गई थी। इस मामले में पेशी से गायब रहने पर उसके खिलाफ गैरजमानती वारन्ट कोर्ट ने जारी किया था। अब्बास सुभासपा से विधायक है। पुलिस ने अब उसे पकड़ने के लिये मुख्तार के करीबी रहे व अन्य गुर्गों का ब्योरा तैयार करने के बाद उनके यहां छापा मारना शुरू किया है। पुलिस वजीरगंज में तीन स्थानों पर मुख्तार के करीबियों पर भी नजरे रखे हुये हैं। दो दर्जन से अधिक लोगों के मोबाइल सर्विलांस पर लिये गये हैं। पर, अब्बास को पुलिस पकड़ नहीं पा रही है। एडीसीपी उत्तरी अनिल यादव ने बताया कि मुख्तार के गुर्गों के यहां दबिश देने के अलावा दूसरे जिलों में भी पुलिस उसके ठिकानों का पता लगा रही है।

कोर्ट में अर्जी दी

पुलिस अब्बास अंसारी को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी में है। इसके लिये कानूनी औपचारिकता पूरी करने के लिये उसने बुधवार को कोर्ट में अर्जी दी है। अब्बास लगातार फरार है। उसकी सम्पत्ति कुर्क करने का नोटिस भी दिया जा चुका है। 

जानिए पूरा मामला

मऊ सदर विधायक अब्बास अंसारी पर एक लाइसेंस पर धोखाधड़ी से कई शस्त्र रखने का आरोप है। 12 अक्टूबर साल 2019 को महानगर थाने के प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने अब्बास अंसारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस के मुताबिक अब्बास अंसारी ने साल 2012 में गन का लाइसेंस लिया था जिसके बाद शस्त्र लाइसेंस को दिल्ली वाले घर के एड्रेस पर ट्रांसफर करवा लिया। इसके बाद उन्होंने धोखाधड़ी से कई हथियारों की खरीद की।

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