भगवान गोवर्धन को लगाएं छप्पन भोग, जानिए पूजन विधि

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भगवान गोवर्धन को लगाएं छप्पन भोग, जानिए पूजन विधि

भगवान गोवर्धन को लगाएं छप्पन भोग, जानिए पूजन विधि


पब्लिक न्यूज डेस्क। गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है, इस दिन लोग अपने घरों में गाय और गोवर्धन महाराज की पूजा करते हैं। कई जगह गोवर्धन पूजा पर भगवान को 56 व्यंजन बनाकर भोग लगाया जाता है। यह प्रकिया अन्नकूट भी कही गई है। आइए जानते हैं कि गोवर्धन पूजा की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

गोवर्धन पूजा मुहूर्त
भगवान गोवर्धन की पूजा सुबह के समय होनी चाहिए। इस दिन स्नान कर पूजा शुरू करनी चाहिए। सबसे पहले गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाए और उनका नमन करते हुए अन्न, खील, लावा, मिष्ठान आदि भोग लगाएं। पंचांग अनुसार 05 नवंबर 2021, शुक्रवार प्रतिपदा तिथि को सुबह 02 बजकर 44 मिनट शुरू होगी और रात्रि में 11 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। मगर गोवर्धन पूजा 5 नवंबर को ही होगी।

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
पूजा मुहूर्त - प्रात: 06:36 बजे से प्रात: 08:47 बजे तक
अवधि - 02 घंटे 11 मिनट
शाम का मुहूर्त - दोपहर 03:22 बजे से शाम 05:33 बजे तक
अवधि - 02 घंटे 11 मिनट

पूजा विधि
लोग अपने घरों में गोवर्धन अन्नकूट की पूजा करें। तरह-तरह के पकवान बनाकर श्रीकृष्ण को अर्पित करें। आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर पर्वत के मध्य में श्रीकृष्ण प्रतिमा स्थापित करें। रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, सभी पूजन सामग्री भगवान को अर्पित करते हुए प्रतिमा के सामने दीपक जलाकर पूजा करें। आज के दिन कूटे गए अन्न से भोग लगाए।

पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, गोवर्धन पूजा के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र के प्रकोप से गोकुल के लोगों को बचाने के लिए सबसे छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था, जिसके नीचे आकर सभी गोकुलवासियों की जान बच गई थी। इस दिन गिरिराज को 56 भोग लगते हैं, जिसका उनकी पूजा में बेहद महत्व है।

छप्पन भोग
1। भक्त (भात), 2। सूप (दाल), 3। प्रलेह (चटनी), 4। सदिका (कढ़ी), 5। दधिशाकजा (दही शाक की कढ़ी), 6। सिखरिणी (सिखरन), 7। अवलेह (शरबत), 8। बालका (बाटी), 9। इक्षु खेरिणी (मुरब्बा), 10। त्रिकोण (शर्करा युक्त), 11। बटक (बड़ा), 12। मधु शीर्षक (मठरी), 13। फेणिका (फेनी), 14। परिष्टश्च (पूरी), 15। शतपत्र (खजला), 16। सधिद्रक (घेवर), 17। चक्राम (मालपुआ), 18। चिल्डिका (चोला), 19। सुधाकुंडलिका (जलेबी), 20। धृतपूर (मेसू), 21। वायुपूर (रसगुल्ला), 22। चन्द्रकला (पगी हुई), 23। दधि (महारायता), 24। स्थूली (थूली), 25। कर्पूरनाड़ी (लौंगपूरी), 26। खंड मंडल (खुरमा), 27। गोधूम (दलिया), 28। परिखा, 29। सुफलाढय़ा (सौंफ युक्त), 30। दधिरूप (बिलसारू), 31। मोदक (लड्डू), 32। शाक (साग), 33। सौधान (अधानौ अचार), 34। मंडका (मोठ), 35। पायस (खीर), 36। दधि (दही), 37। गोघृत (गाय का घी), 38। हैयंगपीनम (मक्खन), 39। मंडूरी (मलाई), 40। कूपिका (रबड़ी), 41। पर्पट (पापड़), 42। शक्तिका (सीरा), 43। लसिका (लस्सी), 44। सुवत, 45। संघाय (मोहन), 46। सुफला (सुपारी), 47। सिता (इलायची), 48। फल, 49। तांबूल, 50। मोहन भोग, 51। लवण, 52। कषाय, 53। मधुर, 54। तिक्त, 55। कटु, 56। अम्ल।

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