वन्यजीव प्रभाग बनकटवा रेंज अंतर्गत पीपरा गांव के पास जंगलो मे लगी आग, गांव के ग्रामीण भयभीत।

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वन्यजीव प्रभाग बनकटवा रेंज अंतर्गत पीपरा गांव के पास जंगलो मे लगी आग, गांव के ग्रामीण भयभीत।

वन्यजीव प्रभाग बनकटवा रेंज अंतर्गत पीपरा गांव के पास जंगलो मे लगी आग, गांव के ग्रामीण भयभीत।


संवाददाता के बी गुप्ता 

बलरामपुर:  सुहेलवा वन्यजीव प्रभाग बनकटवा रेंज अंतर्गत पीपरा गांव के पास जंगलो मे लगी आग आसपास गांव के ग्रामीण भयभीत। 
दैवीय आपदाओं एवं विभीषिकाओं से बचाने के लिए वनों का संरक्षण तथा पेड़-पौधे लगाने के लिए सरकारें प्रयास कर रही हैं। लेकिन जंगल के वेशकीमती हरे पेडो को वनमाफियाओ द्वारा गर्मियो के महीने मे जला दी जाती है जिससे जंगल के वेशकीमती पेड जल जाते है और बुझ जाने पर उसे काटकर बेच दिया जाता है। इस शिकार मे कुछ वनकर्मी भी सामिल रहते है। ऐसे मे पेड़ों की कटाई को रोकना बड़ा मुश्किल है।
वरहवा,बनकटवा क्षेत्र में वन विभाग की मिलीभगत से हरे पेड़ों को जलाकर कटाई का क्रम जारी है। ट्रैक्टर-ट्राली पर लादकर लकड़ी को आरा मशीनों पर पहुंचाया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि विभाग अनजान है।

आरोप है कि लकड़ी माफिया विभागीय लोग मिल-जुलकर हरे पेड़ की कटाई के खेल में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अगर यही हालात रही तो जंगल पेड़ों से खाली हो जाएगा।पर्यावरण को संतुलित रखने के लिये पेड़-पौधों का होना आवश्यक है। उसके लिये सरकार द्वारा बड़े-बड़े स्लोगन लिखवाए जाते हैं, प्रचार-प्रसार किया जाता है। पौधे लगाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे है। पर सच यह है कि पेड़ तो कम लगते हैं अलबत्ता उनकी कटाई जोरों पर हो जाती है। हरे पेड़-पौधों की कटाई से अवैध कमाई तो लकड़ी माफियाओं के साथ साथ विभाग को होती है। सूत्र बताते है कि वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लकड़ी माफियाओं से प्रति पेड़ मोटी रकम वसूलते है। जिस तरह से क्षेत्र में हरे पेड़ों की कटाई हो रही है, इसके भयावह परिणाम से आम आदमी की जिंदगी को भारी खतरा होगा।डीएफओ प्रखर गुप्ता ने बताया कि सूचना मिली है वन विभाग टीम मौके पर आग बुझाने की कोशिश कर रहे है।

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