अति पिछड़ों को मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा जरूरी: स्वतंत्र देव सिंह

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अति पिछड़ों को मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा जरूरी: स्वतंत्र देव सिंह

अति पिछड़ों को मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा जरूरी: स्वतंत्र देव सिंह


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने लखनऊ में कहा है कि अति पिछड़ा व अत्यंत पिछड़ों को मुख्य धारा में लाने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। समाज के सभी लोग बच्चों को पढ़ाएं, ताकि इस समाज के लोगों का तेजी से विकास हो सके। गोमतीनगर स्थित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में अति व अत्यंत पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधियों के सामाजिक सम्मेलन में सिंह ने कहा कि भाजपा समाज के सभी वर्गों का ख्याल रखती है, साथ ही अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को आगे लाने को प्रयासरत है।

जून, 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यायमूर्ति राघवेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया था, उसे चुनाव से पहले लागू कराने की मांग हुई और जो दल इसका विरोध कर रहे हैं, उनकी आलोचना की गई। अति पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय परिषद के संयोजक सरजीत सिंह खंडसाल का दावा है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सम्मेलन में स्वीकारा की अति पिछड़ों को मुख्य धारा में लाने के लिए आरक्षण का वर्गीकरण किया जाना जरूरी है। खंडसाल ने यह भी बताया कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जल्द ही मुख्यमंत्री से सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने की सिफारिश करेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अति पिछड़ों की जनसंख्या करीब 10 करोड़ है, जो भी इसका विरोध करेगा उसे इन वर्गों के वोट से वंचित होना पड़ेगा। सम्मेलन की अध्यक्षता राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य साहू अक्षय भाई ने की। यहां आमोद कुमार राठौर, राकेश वर्मा, तपेंद्र प्रसाद, आरडी पाल, डा. मनीष प्रताप सिंह चौहान, डा. अजय सिंह, आरके वर्मा, सुमन श्रीवास्तव आदि मौजूद थे। बता दें कि भाजपा मुख्य वोट बैंक पिछड़ा वर्ग ही माना जाता है। 

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