नोएडा के बाइक बोट घोटाले में ईडी ने की बड़ी कार्रवाई
लखनऊ। नोएडा के बाइक बोट घोटाले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। इस घपलेबाजी में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें बीएसपी नेता संजय भाटी, मनोज त्यागी, सुरेंद्र भसीन, सचिन त्यागी सहित डेढ़ दर्जन आरोपियों के नाम शामिल हैं। घोटाले से पहले बाकायदा एक कंपनी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड शुरू की गई थी। फिर एक स्कीम लॉन्च की। इसमें लोगों को बाइक के नाम भोले-भाले लोगों को फंसाकर पैसा लगवाया जाता, उन्हें पैसे डबल करने का लालच दिया जाता था। रिपोर्ट्स की माने तो इस स्कीम में करीब दो लाख लोगों को ठगा गया। 62 हजार से शुरू होने वाला यह बाइक बोट घोटाला लाखों, करोड़ों का हो गया। कैसे शातिर दिमाग वालों ने लोगों को ठगी का शिकार बनाया और उनकी मेहनत की कमाई हड़प लिया।
लोगों से पैसा लेते और खरीद लेते बाइक
संजय भाटी ने साल 2010 में गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई। इस कंपनी ने फरवरी 2018 में बाइक बोट नाम से स्टार्टअप शुरू किया। ये ओला और उबर जैसी ऐप बेस्ड बाइक टैक्सी सर्विस थी। इन बाइकों को निवेशकों से पैसे लेकर खरीदा गया था। लेकिन पैसे कंपनी नहीं लगाती थी बल्कि लोगों से लगवाती थी।
सालभर में 1 लाख 17 हजार का रिटर्न का दावा
लोगों को बताया जाता कि आप एक या एक से ज्यादा बाइक की कीमत का पैसा कंपनी में निवेश करें। बदले में कंपनी आपको हर महीने एक निश्चित रिटर्न देती रहेगी। एक प्लान के मुताबिक 62,100 रुपए के निवेश पर कंपनी हर महीने 9,756 रुपए का रिटर्न देने का वादा करती थी। यानी सालभर में 1,17,180 रुपए का रिटर्न। कंपनी के ऐसे कई प्लान थे। कंपनी ने साल 2019 में इलेक्ट्रिक बाइक योजना शुरू की। लोगों से ऐसी हर बाइक के लिए 1.24 लाख रुपये जमा करवा लिए। एक साल तक 17 हजार रुपए हर महीने देने का वादा किया गया। पैसा डबल के लालच में सैकड़ों लोगों ने अपनी कमाई कंपनी में लगा दी। कंपनी ने इस तरह से पैसा जुटाने के लिए देशभर में फ्रैंचाइजी बांट रखी थीं। लोगों को झांसा दिया कि वे 3, 5 या 7 बाइक की लागत का पैसा कंपनी में निवेश कर सकते हैं। बदले में अच्छा खासा रिटर्न मिलेगा। बड़े शहरों के अलावा करीब 50 शहरों में बाइक बोट की बाइक सड़कों पर दिखने लगीं। एक अनुमान की मानें तो इस स्कीम में दो लाख से अधिक लोगों को ठगा गया।
42 हजार करोड़ का घोटाला
संजय भाटी ने अपनी कंपनी का ऑफिस जीटी रोड पर दादरी के चीती गांव में बना रखा था। जब लोगों को रिटर्न मिलना बंद हो गया, तो कंपनी के अलग-अलग ऑफिसों में लोग हंगामा करने लगे। शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचने लगे। धीरे-धीरे मामला बढ़ता गया। पता चला कि ये घोटाला लगभग 42 हजार करोड़ रुपए का है। EOW के सीनियर ऑफिसर के मुताबिक कई लोगों ने ठगी की शिकायत पुलिस में दी। तभी से जांच चल रही है। लखनऊ से प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले में जांच कर रहा है।
250 करोड़ की ठगी का अनुमान
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के बैंक अकाउंट IDBI Bank दिल्ली, ICICI Bank मेरठ व खुर्जा और नोबल को-ऑपरेटिव बैंक में था। इन्हीं शाखाओं से रकम ली गई। RBI ने जानकारी दी थी कि ये कंपनी उसके यहां रजिस्टर्ड नहीं थी। ऐसे में उसे जनता से पैसे लेने का अधिकार नहीं था। जांच के दौरान पता चला कि लगभग 8000 शिकायतकर्ता तो दिल्ली के ही हैं। उनसे ठगी गई राशि लगभग 250 करोड़ रुपये है। नोएडा और अन्य राज्यों में कई मामले दर्ज हैं।
निवेशकों से जुटाए गए करोड़ों रुपये
मनोज त्यागी की कंपनी एफ-7 ब्रॉडकास्ट में बाइक बोट से जुड़ी विभिन्न कंपनियों ने करीब 13.41 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। इसके अलावा इस कंपनी में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों और ट्रस्ट से भी करीब 2.63 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। ईडी ने दावा किया कि ये पैसा भी बाइक बोट निवेशकों से जुटाए गए फंड से ही ट्रांसफर किया गया था।
करीब 18 लोगों के खिलाफ मामला
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में बीएसपी नेता संजय भाटी सहित डेढ़ दर्जन आरोपियों का नाम लिखा गया है। अभी फर्जीवाड़े की रकम के बारे में ठीक-ठीक नहीं बताया जा सकता, क्योंकि पुलिस जांच कर रही है। जून में टीम ने मेरठ के अलावा गाजियाबाद, हापुड़, बागपत और मुजफ्फरनगर में एक साथ छापा मारा था। बताया गया कि कार्रवाई के दौरान कंपनी की 178 बाइकें बरामद की गई हैं। यूपी सरकार ने इसी साल 14 फरवरी को ईओडब्ल्यू को इस मामले की जांच सौंपी थी।
ईडी ने छापेमार कार्रवाई कर कई लोगों को पकड़ा
इस घोटाले में कई लोगों ने पैसे लगाए। इसमें वैनिस माल के मालिक सुरेंद्र भसीन का भी पैसा लगा था। वह भी पुलिस गिरफ्त में है। बाइक बोट घोटाले में गिरफ्तार हुए मेनोज त्यागी से ईडी दफ्तर में पूछताछ की जा रही है। लखनऊ के ईडी दफ्तर में पूछताछ के बाद 12 बजे के बाद कोर्ट में पेश करेगी। इसमें दिल्ली के ईडी के डिप्टी डायरेक्टर रैंक के एक अधिकारी भी दोपहर तक लखनऊ आएंगे। इससे पहले छापेमारी करके ईडी की एक टीम दस्तावेज़ों के साथ यहां पहुंची थी।
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