जानिए छठ पूजा में सूर्य अर्घ्य की सही विधि और लाभ

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जानिए छठ पूजा में सूर्य अर्घ्य की सही विधि और लाभ

जानिए छठ पूजा में सूर्य अर्घ्य की सही विधि और लाभ


पब्लिक न्यूज डेस्क। मान्यता है कि महापर्व छठ ही एकलौता त्योहार है, जिसमें अस्त होते सूर्य को भी अर्ध्य देकर पूजा अर्चना की जाती है।  पौराणिक कथाओं के अनुसार छठ पूजा के दौरान 36 घंटे निर्जला व्रत रखते हुए अस्त होते और उगते दोनों ही सूर्य की अर्घ्य देकर पूजा करनी चाहिए।  आइए जानते हैं कि सूर्यदेव को अर्घ्य देने से क्या-क्या लाभ हैं। 

1।  छठ पर्व चार दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी और सप्तमी को मनाया जाता है।  षष्ठी की शाम ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जिसे संध्या अर्घ्य कहते हैं।  इस समय सूर्य पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं, इसीलिए व्रती को प्रत्यूषा को अर्घ्य देने का लाभ भी मिलता है।  मान्यता है कि शाम को सूर्य उपासना से संपन्नता आती है। 

2।  सप्तमी को सुबह में सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है।  इसे पारण कहते हैं।  अंतिम दिन सूर्य को वरुणवेला में अर्घ्य दिया जाता है, यह सूर्य की पत्नी ऊषा को दिया जाता है, इनके जरिए सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 

3।  कहा जाता है कि सुबह के सूर्य की आराधना से सेहत बनती है, रोग मिटते हैं, दोपहर की आराधना से नाम और यश बढ़ता है और शाम की आराधना से संपन्नता आती है। 

4।  माना जाता है कि उषाकाल में सूर्य उपासना से मुकदमें में फंसे हो तो निकल जाते हैं।  आंखों की रोशनी में लाभ मिलता है, अटके काम सुलझ जाते हैं।  पेट की समस्या समाप्त हो जाती है। 

5।  सुबह के समय सूर्य को जल चढ़ाते समय इन किरणों के प्रभाव से रंग संतुलित हो जाते हैं और शरीर की प्रतिरोधात्मक शक्ति बढ़ती है। 

6।  जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, कहा जाता है कि उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है, वे निराशावादी हो जाते हैं।  प्रात:काल सूर्य दर्शन से शरीर में स्फूर्ति आती है यदि शरीर अच्छा महसूस करेगा तो मन भी सकारात्मक होकर निराशावाद को भगाकर आत्मविश्वास बढ़ाता है। 

7।  जल की धारा में उगते सूरज को देखना चाहिए, इससे धातु और सूर्य की किरणों का असर आपकी दृष्टि के साथ-साथ आपके मन पर भी पड़ेगा और आपको सकारात्मक उर्जा का आभास होता रहेगा। 


8।  धार्मिक दृष्टिकोण से सूर्यदेव को आत्मा का कारक माना गया है।  माना जाता है कि सूर्य देव को अर्घ्य देने से वे बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।  भक्त के जीवन को अंधकार से निकालकर प्रकाश (ज्ञान) की ओर लेकर जाते हैं। 

9।  मान्यता अनुसार अर्घ्य से घर-परिवार में मान-सम्मान बढ़ता है। 

10।  सूर्य को रोजाना अर्घ्य से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है, छठ पर्व विधिवत मनाने से सूर्य दोष मिट जाता है। 

11।  हर दिन सूर्य अर्घ्य से कुंडली में शनि की बुरी दृष्टि हो तो प्रभाव भी कम होता है। इससे करियर में भी लाभ मिलता है। 

13। जिस तरह पौधों के लिए जल के अलावा सूर्य के प्रकाश की भी जरूरत होती है उसी तरह मनुष्य के लिए भी सूर्य प्रकाश या धूप की अत्यंत जरूरी है। 

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