इजराइल और फिलिस्तीन के बीच फिर युद्ध भड़कने के आसार  

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इजराइल और फिलिस्तीन के बीच फिर युद्ध भड़कने के आसार  

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच फिर युद्ध भड़कने के आसार  


इजराइल । इजराइल और फिलिस्तीन के बीच एक बार फिर हिंसा भड़कने के आसार नजर आ रहे हैं। वजह है इजराइलियों द्वारा निकाले जाने वाला यरूशलम फ्लैग मार्च। 15 जून,यानि आज ही यहूदियों ने फ्लैग मार्च निकालने की घोषणा की थी। इसमें यहूदी नाचते-गाते हाथों में इजराइली झंडा लेकर यरूशलम के डमासकस गेट तक पहुंचेंगे, फिर वो मुस्लिम आबादी वाले इलाके से होते हुए अल-अक्सा मस्जिद की पश्चिमी दीवार यानि वेस्टर्न वॉल तक जाएंगे।

दरअसल फ्लैग मार्च मई में निकाला जाना था, लेकिन तब फिलिस्तीन-इजराइल के बीच हिंसा भड़क जाने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। 10 जून को भी इसकी अनुमति नहीं दी गई, लेकिन इजराइल के निवर्तमान प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने जाते-जाते इस विवादित यरूशलम मार्च को मंजूरी दे दी है। इस मंज़ूरी के बाद यहूदी जुलूस निकालेंगे, इससे इजरायल और  फिलिस्तीन में संघर्ष की आशंका बड़ गयी है।  हर साल निकालेजाने वाले इस मार्च के दौरान फिलिस्तीन और इजराइल के बीच तनाव बढ़ जाता है, लेकिन इस बार हिंसा भड़कने की आशंका इसलिए ज्यादा है, क्योंकि मई में दोनों देशों के बीच कई दिनों तक युद्ध चला था।  

10 मई को फ्लैग मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद हमास और इजराइल के बीच संघर्ष शुरू हो गया था। 11 दिन चली इस हिंसा में 12 इजराइली नागरिक और 250 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए थे।इसके अलावा फिलिस्तीन के आंकवादी संगठन हमास ने घोषणा की है कि अगर यरूशलम मार्च निकाला गया तो वो अल-अक्शा मस्जिद की हिफाजत के लिए फिर रॉकेट से हमला करेगा ।

गौरतलब है कि अरब देशों के साथ 1967 में छह दिन चले युद्ध में इजराइल की जीत हुई थी। इसके बाद पूर्वी यरूशलम पर इजराइल का कब्जा हो गया था। इस जीत की याद में कट्‌टर यहूदी हर साल मार्च निकालते हैं। यरूशलम मार्च पारंपरिक तौर पर यरूशलम दिवस यानी यहूदी कैलेंडर के हिसाब से 28 इयार यानि यहूदी महीना को मनाया जाता है।ये हर साल अलग-अलग दिन पड़ता है। इस साल ये 9-10 मई को होना था, लेकिन दस मई को फिलिस्तीन प्रदर्शनकारियों और इजराइली पुलिस के बीच टेंपल माउंट के पास शेख जर्राह इलाके में हिंसा भड़क गई थी। उसी दिन हमास ने गाजा से यरूशलम की तरफ रॉकेट दाग दिए थे और इजराइल और फिलिस्तीनियों के बीच नया संघर्ष छिड़ गया था। इससे यरूशलम मार्च आधे रास्ते ही रुक गया था।

इस विवादित फ्लैग मार्च को मंजूरी मिलने के बाद आयोजकों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है, 'हम इजराइल की पुलिस, पुलिस कमिश्नर और यरूशलम डिस्ट्रिक्ट का शुक्रिया अदा करते हैं। हमें खुशी है कि इजराइली झंडे गर्व से लहराए जाएंगे।' यरूशलम मार्च में बड़ी तादाद में लोग शामिल होते हैं। इनमें से अधिकतर कट्टरपंथी यहूदी विचारधारा के होते हैं, लेकिन इजराइल में अधिकतर लोग इस मार्च का समर्थन करते हैं।  हालांकि फ्लैग मार्च के दौरान हिंसा की संभावना से विश्व समुदाय भी चिंतित है। अमेरिका ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

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