जेवर एयरपोर्ट तक मेट्रो ले जाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार 70 फीसदी खर्च को तैयार

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जेवर एयरपोर्ट तक मेट्रो ले जाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार 70 फीसदी खर्च को तैयार

जेवर एयरपोर्ट तक मेट्रो ले जाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार 70 फीसदी खर्च को तैयार


ग्रेटर नोएडा।  जेवर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक मेट्रो ले जाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पैसा देने को तैयार हो गई हैं।  सूत्रों के मुताबिक परियोजना का करीब 70 फीसदी खर्च दोनों सरकार वहन करेंगी।  वहीं बाकी 30 फीसदी खर्च यमुना प्राधिकरण को करना होगा।  केंद्र और राज्य सरकार मिलकर करीब 1050 करोड़ रुपये इस प्रोजेक्ट पर खर्च करेंगी।  बाकी करीब 450 करोड़ रुपये यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण वहन करेगा। 

प्रोजेक्ट पर 3 साल से चल रहा है काम

यमुना प्राधिकरण तीन साल से प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।  प्राधिकरण ने डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को दी थी।  डीएमआरसी ने करीब 6 महीने पहले डीपीआर यमुना प्राधिकरण को सौंप दिया था।  हालांकि, परियोजना की पूरी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को देने की तैयारी चल रही है।  यमुना प्राधिकरण साल 2023 में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू होने से पहले जेवर तक मेट्रो ले जाना चाहता है।  करीब तीन महीने पहले प्राधिकरण ने केंद्र और राज्य सरकार को फंड का प्रस्ताव भेजा था जिस पर अब सहमती बन पाई है। 

35.6 किलोमीटर में 29 स्टेशन बनेंगे

 डीएमआरसी की डीपीआर के मुताबिक ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक 35.6 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन का निर्माण किया जाना है।  इस पर करीब 1500 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।  ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क से लेकर जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक 29 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे।  खर्च घटाने के लिए मेट्रो का पूरा कॉरिडोर जमीन पर बनाया जाएगा।  इससे खर्च करीब 50 प्रतिशत कम हो गया है।  अगर कॉरिडोर एलिवेटिड होता तो प्रोजेक्ट की लागत करीब 3,000 करोड़ रुपये तक हो जाती। 

मेट्रो से मिलेंगे कई फायदे

मेट्रो रेल का यह कॉरिडोर यमुना एक्सप्रेसवे के सामांतर बनेगा।  इससे भविष्य में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में विकसित होने वाले रेजिडेंशियल और इंडस्ट्रियल सेक्टरों को बड़ा लाभ मिलेगा।  बोटैनिकल गार्डन और ओखला पक्षी विहार मेट्रो स्टेशन तक नोएडा में 50 से ज्यादा सेक्टर इस लाइन से जुड़ जाएंगे।  वहीं, ग्रेटर नोएडा शहर के नॉलेज पार्क और करीब एक दर्जन आवासीय सेक्टर सीधे मेट्रो लाइन से जुड़ जाएंगे। 

दिल्ली एयरपोर्ट से जेवर एयरपोर्ट तक कनेक्टिविटी

जेवर एयरपोर्ट और साउथ दिल्ली को मेट्रो ट्रेन के जरिए जोड़ा जा रहा है।  दोनों के बीच 81.56 किलोमीटर की दूरी होगी।  इसमें से 66.6 किलोमीटर एलिवेटेड रूट होगा।  14 किलोमीटर अंडर ग्राउंड मेट्रो रहेगी।  यात्रियों को करीब 82 किलोमीटर लंबे सफर के दौरान दो स्टेशन नोएडा सेक्टर-142 और ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क में मेट्रो बदलनी पड़ेगी। 

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