आर्थ्राइटिस होने के ऐसे कारण जो हैरान कर देंगे आपको!
पब्लिक न्यूज डेस्क। आर्थ्राइटिस एक ऐसी बीमारी है, जो किसी को भी कभी भी प्रभावित कर सकती है। आर्थ्राइटिस उम्र बढ़ने के साथ हो सकता है, लेकिन ऐसे कई मामले जिसमें रोगी की उम्र 30 भी देखी गई है। सबसे दुखद बात यह है कि आर्थ्राइटिस बच्चों को भी अपना शिकार बनाता है, जिसे बचपन का आर्थ्राइटिस यानी जुवेनाइन आर्थ्राइटिस कहा जाता है। आइडियोपैथिक आर्थ्राइटिस (JIA), सबसे आम प्रकार का बचपन में होना वाला गठिया है।
आम तरह के आर्थ्राइटिस जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए
गठिया जोड़ों की सूजन है, एक सामान्य विकार जो दर्द और परेशानी का कारण बनता है। यह आपके पैरों, हाथों, कूल्हों, घुटनों, पीठ के निचले हिस्से और शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है। सबसे आम तरह के गठिया ये हैं:
ऑस्टियोआर्थ्राइटिस- यह स्थिति तब होती है जब जोड़ों का अत्यधिक उपयोग हो चुका होता है, यानी उम्र के साथ होने वाला रोग।
रूमेटाइड गठिया- आरए एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर जोड़ों पर हमला करती है।
सोरियाटिक गठिया- सोराटिक गठिया से पीड़ित लोगों को त्वचा और जोड़ों में सूजन का अनुभव होता है।
किशोर गठिया- किशोर गठिया एक विकार है जो 16 वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली जोड़ों के आसपास के ऊतकों पर हमला करती है।
क्योंकि गठिया के कई प्रकार होते हैं, इसलिए इसके कारण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं।
रूमेटोइड गठिया एक ऑटोम्यून्यून बीमारी है, जो तब होती है जब आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली किसी संक्रमण के बाद "भ्रमित" हो जाती है और शरीर के ऊतकों पर हमला करती है, जिससे जोड़ों में सूजन हो जाती है। यह आगे चलकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है, जिससे पहले से कहीं ज्यादा नुकसान होता है। हालांकि इस स्थिति के सही कारण की पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि RA या अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों का पारिवारिक इतिहास व्यक्ति को इस स्थिति के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है।
गठिया के सबसे आम प्रकारों में से एक ऑस्टियोआर्थराइटिस है, जो तब होता है जब जोड़ों का ज़रूरत से ज़्यादा उपयोग किया जाता है और यह टूट-फूट का कारण बनता है। हालांकि इस तरह का गठिया आमतौर पर उम्र बढ़ने का परिणाम होता है, लेकिन यह मोटापे के कारण भी हो सकता है। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण मोटापा भी होता है क्योंकि आपके जोड़ों को ही वज़न झेलना पड़ता है। इसलिए आमतौर पर कूल्हे, पैर, घुटने ही प्रभावित होते हैं। जोड़ों में दर्द, चलते समय दर्द, आराम करते समय भी जकड़न, और राज़ाना के काम जैसे कि कपड़े पहनना, अपने बालों में कंघी करना, सीढ़ियाँ चढ़ना और बहुत कुछ करने में असमर्थता इसके लक्षणों में शामिल हैं।
- जोड़ों पर लगातार दबाव या चोट से गठिया हो सकता है
जब आपके जोड़ों में उम्र के साथ दिक्कत आना शुरू हो जाए, तो इसका मतलब है कि आप ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित हैं। इस स्थिति के पीछे बढ़ती उम्र सबसे आम कारण होती है, लेकिन जोड़ों में चोट लगने से कार्टिलेज टूट सकता है, जो ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण बन सकता है।
- स्मोकिंग या शारीरिक गतिविधी न होना भी इस रोग का जोखिम बढ़ाती है
लाइफस्टाइल कारक भी गठिया का कारण बन सकते हैं। माना जाता है कि धूम्रपान या एक गतिहीन जीवन शैली जीना आप में कई तरह के गठिया होने के ख़तरे को बढ़ाता है। हालांकि इसका कोई सबूत नहीं है, धूम्रपान इम्यूनिटी को कम करने का काम करता है, जो आगे चलकर रूमेटोइड गठिया के विकास से जुड़ जाता है।
जो लोग पहले से ही इस समस्या से जूझ रहे हैं, स्मोकिंग उनके लक्षणों को और ख़राब कर सकती है।
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