नेपाल के काठमान्डू मे गोल गप्पे के बाद स्टीट फूड भी हुआ बैन भारत के लिए चिंता की बात

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नेपाल के काठमान्डू मे गोल गप्पे के बाद स्टीट फूड भी हुआ बैन भारत के लिए चिंता की बात

नेपाल के काठमान्डू मे गोल गप्पे के बाद स्टीट फूड भी हुआ बैन भारत के लिए चिंता की बात


रिपोर्टर रतन गुप्ता

नेपाल                                  

 नेपाल में गोल गप्‍पे यानि पानी पुरी के बाद काठमाडू घाटी में स्‍ट्रीट फूड पर भी प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। राजधानी में हैजा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में प्रशासन काफी सख्‍त हो गया है। स्‍ट्रीट फूड पर प्रतिबंध लगाने का एलान काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी (केएमसी) ने जारी किया है। केएमसी ने बताया कि रविवार से अब तक शहर में हैजा के 12 और मामले सामने आ चुके हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अध्‍यक्ष बलराम त्रिपाठी ने कहा, 'शहर में हैजा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में स्‍ट्रीट फूड से स्थिति और गंभीर न हो, इसलिए इन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है।' साथ ही बलराम त्रिपाठी ने बताया कि अगर काठमांडू में स्‍ट्रीट फूड बेचता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्‍त कार्रवाई की जाएगी।

ललितपुर मेट्रोपॉलिटन सिटी ने पिछले सप्‍ताह शहर में पानी पुरी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया था। तब बताया गया था कि गोल गप्‍पे के पानी में हैजा के बैक्‍टीरिया पाए गए हैं। इसके बाद शहर की सभी गोल गप्‍पे की दुकानों को बंद करा दिया गया था। अब केएमसी ने फूड टेक्‍नोलॉजी एंड क्‍वालिटी कंट्रोल डिपार्टमेंट से आग्रह किया है कि वो होटल और रेस्‍तरां में मिलने वाले खाने की गुणवत्‍ता की भी जांच करे। अगर होटल और रेस्‍तरां के खाने में भी कोई समस्‍या सामने आती है, तो कार्रवाई की जाएगी।

त्रिपाठी ने कहा कि शहर में हैजा को कंट्रोल करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। काठमांडू उपत्‍याका खानेपानी लिमिटेड से निवेदन किया गया है कि वो नल से आने वाले जल और सीवेज सिस्‍टम पर नजर रखे। इसके अलावा स्‍वास्‍थ्‍य विभाग से भी जरूरी दवाओं के स्‍टॉक को रखने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि हैजा एक जल जनित बीमारी है और इसका बैक्‍टीरिया पानी के जरिए तेजी से फैलता है। इसका शिकार होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है। उल्‍टी-दस्‍त होने लगते हैं, बीमारी बढ़ने पर मरीज की कुछ ही घंटों में मौत भी हो सकती है। इसलिए हैजा से ग्रसित मरीज को विशेष देख-रेख की जरूरत होती है।

नेपाल भारत का पड़ोसी देश है। प्रतिदिन हजारों लोग सीमा के इस पार से उस पार जाते हैं। ऐसे में नेपाल की राजधानी काठमांडू में हैजा का फैलना भारत के लिए भी खतरे की घंटी है। थोड़ी-सी लापरवाही, बड़ी मुसीबत को न्‍यौता दे सकती है।

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